Indian Navy: INS Kavaratti दुश्मनों की राडार मे ना आने वाला शिप, परमाणु और रासायनिक हमलों में भी लड़ने की रखता है क्षमता

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने आज 22 अक्टूबर 2020 को INS Kavaratti को भारतीय नौ सेना को सौप दिया है। बतादें कि यह शिप रोधी प्रणाली से लैस स्वादेशी शिप है जो कि कई मानको पर एक दम खरी साबित हुई है। इस शिप को स्टील्थ वार के लिए बनाया गया है। इस शिप की खास बात यह है कि यह किसी भी राडार में नही आता है। इसको खास तौर पर डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन ने बनाया है। इस शिप को कोलकाता के गार्डन रिसर्च शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तैयार किया है। इसकी कुछ खास बातों को हम आपको बताने जा रहे है-


आईएनएस कवरत्ती में उपयोग किये गए 90 प्रतिशत पार्ट स्वदेशी ही हैं। इस शिप में कार्बन कंपोजिट का इस्तेमाल किया गया है।

इस शिप को प्रोजेक्ट-28 के तहत स्वदेश मे बनाया गया है जो कि 4 पन्नडुब्बी रोधी जंगी स्टील्थ पोत जाहाज है।

इसमें लगे कुछ थास सेंसर दुर से भी दुश्मन की सबमरीन का पता बड़ी सरलता से लगा सकते है।

इस जहाज के नौसेना में शामिल करने से पहले इसकी हर प्रकार से तकनीकी स्तरों पर जांच के साथ लाइव ट्रायल भी कर लिया गया था।

इसका पोत परमाणु, रासायनिक, जैविक युद्ध जैसी कठोर स्थिति में भी काम कर सकेगा।

यह शिप अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है जो कि बड़ी आसानी से पन्नडुब्बियों का पता लगाने के साथ ही उन पर निशाना साध सकता है।

जनवरी 2012 से इसको बनाने का कार्य चालू हो गया था, 2015 में इस शिप के लॉच कर दिया गया था और फरवरी 2020 में इस शिप का ट्रयल सफल रहा।इस शिप का कुल वजन 3300 टन है, यह युद्धपोत 109 फीट लंबा है। इसकी ऊंचाई 4 मंजिला इमारत के बराबर है।

इसमें एक बार में कुल 123 सैनिक व कर्मी के साथ ही 17 अधिकारी भी रह सके है।

यह जमीन से हवा में मारक क्षमता रखने वाली बराक मिसाइल से लैस है इसके साथ ही इसमें एंटी सबमरीन मिसाइल लॉचर लगा हुआ है।

इसमें 76 एमएम की ओटीओ मेलारा नामक गन लगी हुई है। इसके साथ ही इसमें क्लोज इन वेपन सिस्टम भी लगा हुआ है जिसका काम यह होता है कि अपनी ओर आने वाली कोई भी मिसाइल का पता लगाकर उसे धवस्त करना है।

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