इस जगह नहीं होती राम भक्त हनुमान की पूजा, आज भी नाराज हैं लोग  

कहते हैं हर किसी को उसकी गलती की सजा मिलती है। फिर चाहे वो छोटा हो य बड़ा। गलती, गलती होती है। उसकी छोटी य बड़ी गलती से कोई अभिप्राय नहीं होता है। लोग अगर गलती करते हैं तो भगवान उन्हें सजा देते हैं। क्या आपने कभी सोचा, जब भगवान कोई गलती करते हैं तो उन्हें सजा कौन देता है? आप सब सोच रहे होंगे कि भला कौन है जो भगवान को सजा देने की ताकत रखता है।

भगवान

हमारे देश में ही एक ऐसा स्थान है जहां हनुमान भगवान को पूजा नहीं जाता है। उत्तराखंड के चमोली जिले के गांव द्रोणागिरी में हनुमान जी की पूजा वर्जित है। एक ओर जहां पूरा देश हनुमान जी की भक्ति में डूबा रहता है वही इस गांव के लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना नहीं करते हैं इतना ही नहीं यहां भगवान का कोई मंदिर भी नहीं है।

आखिर क्यों नहीं मानते हनुमान जी को ‘भगवान’

कहते हैं जब लक्ष्मण मूर्छित हुए थे तो उनको बचाने के लिए हनुमान ने द्रोणगिरी पर्वत का भी एक हिस्सा उठा लिया था और उस हिस्से को लेकर चले गए थे। यहां के लोगों की इस पर्वत से काफी आस्था जुड़ी हुई थी, इस वजह से गांव के लोग हनुमान जी से नाराज हैं और उनकी पूजा नहीं करते हैं।

इसके साथ-साथ एक और वजह भी है जिस कारण लोग हनुमान जी की पूजा अर्चना नहीं करते हैं। जिस महिला ने हनुमान जी को संजीवनी बूटी का पता बताया था। उस महिला को समाज ने बाहर निकाल दिया था।

कुछ लोगों का मानना है कि यह पर्वत अब श्रीलंका में है तो कुछ लोगों का मानना है कि हनुमान जी ने ये पर्वत यथा-स्थान पर रख दिया था।

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