GST चोरी रोक के लिए सरकार ने लिया इस उपकार की मद्दत

देश में हो रही जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) चोरी की जांच में मदद के लिए अप्रैल से जीएसटी ई-वे बिल को एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) फास्टैग प्रणाली के साथ एकीकृत करने की उम्मीद है। राजस्व विभाग ने ट्रांसपोर्टरों से परामर्श के बाद ई-वे बिल, फास्टैग और डीएमआईसी (दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा) के लॉजिस्टिक डाटा बैंक (एलडीबी) सेवाओं को एकीकृत करने के लिए अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है।


एक अधिकारी ने बताया कि हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ ट्रांसपोर्टर एकल ई-वे बिल उत्पन्न कर कई यात्राएं कर रहे हैं। फास्टैग के साथ ई-वे बिल का एकीकरण वाहनों की लोकेशन पता करने में मदद करेगा। साथ ही यह भी जानकारी देगा कि उस वाहन ने कब और कितनी बार एनएचएआई के टोल प्लाजा को पार किया है।

 

राजस्व विभाग द्वारा गठित समिति सभी हितधारकों के लाभों की व्याख्या करेगी। इस कदम से देश के लॉजिस्टिक परिदृश्य में परिचालन क्षमता में सुधार होगा। अधिकारी ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के बीच जानकारी साझा करने के मामले में ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ प्रणाली के तहत सामंजस्य की कमी से देश में कारोबार सुगमता प्रभावित हो रही है। साथ ही इससे ई-वे बिल के दुरुपयोग की आशंका भी बढ़ जाती है।

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अधिकारी के मुताबिक, कर्नाटक इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू कर रहा है। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर इसे लागू करना सामानों की आवाजाही पर नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यधिक फायदेमंद होगा कि यात्रा की सही अवधि के लिए ई-वे बिल उत्पन्न किया गया है या नहीं। अधिकारी के मुताबिक, एकीकरण से आपूर्ति श्रृंखला में मौजूद खामियों का फायदा उठाकर जीएसटी चोरी करने वाले बेईमान व्यापारियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय कर अधिकारियों ने अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान 15,278.18 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी/उल्लंघन के 3,626 मामलों का पता लगाया है।

 

एकीकरण के बाद ई-वे बिल प्रणाली के माध्यम से आपूर्तिकर्ताओं को भी अपने सामान पर नजर रखने में मदद मिलेगी। ट्रांसपोर्टर भी एसएमएस अलर्ट के जरिए अपने वाहनों पर नजर रखने में सक्षम होंगे, जो प्रत्येक टोल प्लाजा पर उत्पन्न होंगे। इससे यह भी पता लगाया जा सकेगा कि व्यापारी या ट्रांसपोर्टर उसी स्थान के लिए यात्रा कर रहे हैं, जहां के लिए उन्होंने ई-वे बिल उत्पन्न किया है। इसी प्रकार डीएसआईसी के कंटेनर ट्रैकिंग सेवाओं को लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम में सुधार के लिए ई-वे बिल के साथ एकीकृत किया जाएगा।

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