पालतू कुत्ते को अपना बेटा बताकर लेता रहा सरकारी राशन, जानें कैसे खुली पोल

धार। धार जिले की ग्राम पंचायत बोडिया में एक व्यक्ति ने राजू नाम से अपने पालतू कुत्ते का नाम राशन कार्ड में दर्ज करवा दिया। राशन कार्ड के कॉलम ‘मुखिया से संबंध’ में बाकायदा पुत्र लिखवाया है। वह सालभर से तीन लोगों का राशन ले रहा था। हाल ही यह मामला तब पकड़ में आया, जब राशन कार्ड में दर्ज तीनों लोगों के आधार कार्ड नंबर मांगे गए।

पालतू कुत्ते को अपना बेटा बताकर लेता रहा सरकारी राशन, जानें कैसे खुली पोल

गुलरीपाड़ा निवासी 70 वर्षीय नृसिंह बोदर के राशन कार्ड में घर के तीन सदस्य के नाम दर्ज हैं। हर बार की तरह नृसिंह हफ्तेभर पहले राशन लेने शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर पहुंचे। अब दुकान पर पीओएस मशीन लगी होने से उसमें कार्ड में दर्ज सभी व्यक्तियों के आधार कार्ड के नंबर डालना होते हैं, ताकि व्यक्ति का मिलान किया जा सके

सेल्समैन कैलाश मारू ने बताया कि मैंने नृसिंह से आधार कार्ड मांगा। उन्होंने दो व्यक्तियों का कार्ड और नंबर दे दिए, लेकिन जब मैंने राजू का आधार नंबर मांगा तो बोला वो तो मेरे कुत्ते का नाम है। जांच की तो पता चला कि ग्राम पंचायत द्वारा जो राशन कार्ड बनाया गया, उसका सत्यापन नहीं किया गया है। इस संबंध में मैंने खाद्य अधिकारी अनुराग वर्मा को जानकारी दे दी है। उन्होंने नाम हटाने के निर्देश दिए हैं। नाम हटाने के लिए बुधवार तक सभी दस्तावेजों सरदारपुर मुख्यालय भेज दूंगा।

60 किलो राशन खा गया कुत्ता

राशन कार्ड पर दर्ज प्रति व्यक्ति को प्रतिमाह पांच किलो राशन दिया जाता है, यानी कुत्ते के नाम से सालभर में 60 किलो राशन बंट गया। जनपद पंचायत सरदारपुर के सीईओ केके उईके ने बताया कि अभी मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है। प्रकरण आते ही कार्रवाई की जाएगी।

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