कर्नाटक के ‘नाटक’ में फंसी कांग्रेस, गले की हड्डी बनी जेडीएस की ये चाल

बंगलुरु। तमाम राजनीतिक उठापटक और पार्टियों के उच्चस्तरीय नाटक के चलते हड़बड़ी में बनी BJP की येदियुरप्पा सरकार ने अपने ढाई दिन के कार्यकाल से शनिवार को इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद से कांग्रेस पार्टी और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) एक साथ मिलकर कर्नाटक में सरकार बनाने जा रहे हैं। इस प्रकरण के बाद लोगों को लग रहा है कि अब कर्नाटक में नाटक का दौर ख़त्म हो गया है। पर ऐसा सोचना बिलकुल गलत है।

कर्नाटक

दरअसल, कर्नाटक में अब पद के खेल को लेकर नया नाटक शुरू हो चुका है। एचडी कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन उपमुख्यमंत्री पद को लेकर काफी बवाल चल रहा है। जेडीएस ने जहां एक मुस्लिम को डिप्टी सीएम बनाए जाने का कार्ड चला है, तो वहीं लिंगायत समुदाय से भी डिप्टी सीएम बनाये जाने की मांग कांग्रेस में उठी है।

लिंगायत समुदाय के संगठन अखिल भारत वीरशैव महासभा के नेता तिप्पाना ने खुला खत लिखकर कांग्रेस विधायक शमनूर शिवशंकरप्पा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है। तिप्पाना ने कहा कि “बीजेपी में जाने का भी उन्हें ऑफर मिला था लेकिन वो कांग्रेस पार्टी छोड़कर नहीं गए। ऐसे में पार्टी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाए”।  कांग्रेस पार्टी से लिंगायत समुदाय के 18 विधायक जीतकर आए हैं।

दावणगेरे दक्षिण विधानसभा सीट से शमनूर शिवशंकरप्पा ने जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी के यशवंतराव जाधव को हराया है। अखिल भारत वीरशैव महासभा के वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सिद्धारमैया सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और लगातार पांच बार से विधायक लिंगायत नेता शमनूर शिवशंकरप्पा को लिंगायत विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया और पार्टी के सभी लिंगायत विधायकों को बीजेपी के खेमे में जाने से रोके रखा।

गौरतलब है कि सिद्धारमैया के द्वारा लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने का शमनूर शिवशंकरप्पा ने विरोध किया था और इसे लिंगायतों को बांटने की साजिश करार दिया था। एचडी कुमारस्वामी दक्षिण कर्नाटक से आते हैं और कांग्रेस के जे। परमेश्वरा भी इसी इलाके से आते हैं। जबकि शमनूर शिवशंकरप्पा सेंट्रल कर्नाटक से आते हैं।

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