दुनिया को कोहिनूर देने वाले गोलकुंडा किले के बारे में कितना जानते हैं आप?

कोहिनूरआज हम आपको शहर के ऐसे ऐतिहासिक किले की सैर कराएंगे जिसने पूरी दुनिया को बेशकीमती कोहिनूर हीरा दिया. इस किले को गोलकुंडा के नाम से जाना जाता है.

भारत के दक्षिण में स्थित है ये किला

भारत के दक्षिण में स्थित गोलकुंडा किला कुतबशाही साम्राज्य के मध्यकालीन सल्तनत की राजधानी था. यह किला हैदराबाद के दक्षिण में 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह किला भारत के तेलंगाना राज्य में आता है और यह भारत का सबसे प्राचीन और मशहूर किला है. यह किला पूरी दुनिया में इसलिए फेमस था क्योकि यहां से हमें कोहिनूर हीरा, होप डायमंड, नसाक डायमंड और नूर-अल-एन जैसी बेशकीमती चीजें मिली थी.

किले की कहानी

इस किले का निर्माण वारंगल के राजा ने 14वीं शताब्दी में कराया था. जिसे बाद में बहमनी राजाओं ने अपने अधिकार में कर लिया और ये मुहम्मदनगर के नाम से जाना जाने लगा. 1512 में यह कुतबशाही राजाओं के अधिकार में आया और बाद में हैदराबाद के निर्माण तक उसकी राजधानी रहा. 1687 में औरंगजेब ने युद्ध करके इस पर विजय पा ली.

शानदार शिल्प का नमूना

गोलकुंडा का यह किला ग्रेनानाइट की एक पहाड़ी पर बना है. इस किले में आठ दरवाजे हैं और यह चारों तरफ से पत्थर की बनी लंबी मजबूत दीवार से घिरा हुआ है. इस किले के महल और मस्जिद के खंडहर आज भी अपनी कहानी सुनाते हैं. इस किले के दक्षिण में मूसी नदी बहती है. हम आज भी किले के आधा मील उत्तर में कुतबशाही राजाओं के ग्रैनाइट पत्थर के बने मकबरों को देख सकते हैं.

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