केंद्रीय मंत्री को आया गुस्सा, बोले- ख्वाजा का नहीं, भारत माता का है हिंदुस्तान

गिरिराज सिंहनई दिल्ली। सत्ता के शिखर तक पहुंचने के लिए जाति और धर्म को हमेशा से सबसे ऊपर रखा गया है। ध्रुवीकरण कर राजनीतिक समीकरण बिठाने में सभी पार्टियां लगी रहती हैं। इसका प्रमाण आये दिन देखने को मिल जाता है। ऐसा ही वाक्या तब सामने आया जब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने संसदीय क्षेत्र नवादा पहुंचे।

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अपने क्षेत्र पहुंचे मंत्री उस समय भड़क गए जब उनको मुसलमानों का एक बैनर मोबाइल पर दिखा। इसमें लिखा था कि ख्वाजा हिंदुस्तान का है। यह देखते ही मंत्री जी गुस्से से लाल हो गए और उन्होंने कहा कि यह भारत माता का हिंदुस्तान है। नाकि ख्वाजा का। उनका तो पाकिस्तान है।

उन्होंने कहा कि ख्वाजा के लोगों ने साल 1947 में ही पाकिस्तान बना लिया और वहां चले गए। तो अब काहे का हिन्दुस्तान ढून्ढ रहे।

आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जहां हिन्दुओं की अल्पसंख्या है, वहां दंगे भड़के हैं और जहां हिन्दू बहुसंख्यक है, वहां कभी दंगे नहीं हुए।

बता दें कबिनेट मिनिस्टर नवादा के तुंगी में सोलर चरखा ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन करने पहुंचे थे। नवादा के बारे में उन्होंने कहा कि वह हर क्षेत्र सशक्त और समृद्ध हो रहा है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि गली-मोहल्लों में विभाजन की लकीर खींची जा रही है।

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नवादा में दुर्गा पूजा के दौरान दो पक्षों के बीच हुई झड़प को लेकर गिरिराज ने कहा कि हिंदुओं को सताया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को लेकर नवादा पहले भी सुर्खियों में रहा है।

वहीं केंद्रीय मंत्री ने मूर्ति खंडित होने के बावजूद शांति बनाए रखने के लिए अकबरपुर की जनता का धन्यवाद किया।
उन्होने कहा कि ऐसे शांतिप्रिय लोगों को प्रशासन को प्रोत्साहित करना चाहिए, लेकिन इनको गलत तरीके से केस में फंसाया जा रहा है।

इससे पहले भी हो चुकी हैं कई सांप्रदायिक घटनाएं…

बीतें दिनों बिहार के जमुई में मुहर्रम जुलूस के दौरान दो समुदाओं में हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए थे। इलाके में तनाव को देखते हुए कर्फ्यू लगाना पड़ा था।
साथ ही डीआईजी और एसपी के नेतृत्व में पुलिस के जवानों ने इलाके में गश्त भी किया था।

इसके अलावा अप्रैल में रामनवमी से एक दिन नवादा जिले में लगाये गए देवी देवताओं के पोस्टर फाड़ने से विवाद हो गया था।
वहीं रामनवमी के जुलूस के दौरान भी जमकर झड़प हुई थी, जिसमें कई गाड़ियों के शीशे भी तोड़ दिए थे। इन सबके अलावा दुकानों को लूटने का प्रयास भी किया था। बवाल को बढ़ता

देख पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था।

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