G 7 सम्‍मेलन के दूसरे दिन आर्थिक विकास, आतंकवाद पर होगी बात

G7-SUMMITटोक्यो। जापान के इसे-शिमा शहर में चल रहे G7 सम्‍मेलन के दूसरे व अंतिम दिन शुक्रवार को आर्थिक विकास व आतंकवाद पर प्रमुखता से चर्चा किए जाने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि जी7 के नेता आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आतंकवाद-रोधी कार्ययोजना के लिए एक रणनीति अपना सकते हैं। समाचार एजेंसी ‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी, कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, इटली, जापान व ब्रिटेन के नेताओं ने बैठक शुरू कर दी है, जिसमें वे गुरुवार की चर्चा के परिणामों को मजबूत करना चाहेंगे।

G7 सम्‍मेलन में उठा आतंकवाद का मुद्दा

जी7 समूह के नेता एक संयुक्त प्रयास के रूप में मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के अंत और विकास में फिर से जान फूंकने के लिए प्रत्येक देश में हालात के अनुसार राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों एवं संरचनात्मक सुधारों को लागू करने के लिए तैयार हो गए हैं।

राजनयिक सूत्रों ने कहा कि नेताओं द्वारा ‘इसे-शिमा आर्थिक पहल’ के तहत जो घोषणाएं करने की संभावनाएं हैं, उनमें बुनियादी ढांचे में निवेश का महत्व, शिक्षा एवं डिजिटल सेक्टर और मुक्त व्यापार समझौते के महत्व को रेखांकित करने जैसे कुछ बिंदु शामिल हैं।

जी7 समूह के नेताओं की मध्य पूर्व में सिर उठाते आतंकवाद से निपटने की रणनीति सहित सीरिया संघर्ष से तंग आकर भागे शरणार्थियों को सहायता उपलब्ध कराने व सुरक्षा व विदेश नीति पर अन्य घोषणाओं को मंजूरी देने की भी योजना है।

दिन में वे इन विषयों पर चर्चा करेंगे। इसमें उनके साथ एशिया की छह उभरती अर्थव्यवस्थाओं व चाड के नेता भी शामिल होंगे।

चाड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश, पापुआ न्यू गिनी, वियतनाम एवं लाओस के नेता जलवायु परिवर्तन, एशिया प्रशांत क्षेत्र में में स्थिरता व शांति के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं विकास नीतियों पर जी7 देशों के अपने समकक्षों के साथ भी वार्ता करेंगे।

बैठकें कशिको द्वीप के एक शानदार होटल में होंगी और उसके बाद दोपहर में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ हिरोशिमा के ऐतिहासिक दौरे के लिए रवाना होंगे। हिरोशिमा जापान के उन दो शहरों में शामिल है, जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में परमाणु बम गिराए थे। एक अन्य शहर नागासाकी है।

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