डॉक्टर की लापरवाही से गई 6 मरीजों के आंख की रोशनी

रिपोर्ट- अमित सिंह

वाराणसी। वाराणसी के गोदौलिया स्थित मारवाड़ी हिंदू अस्पताल में एक आंख का ऑपरेशन कराने वाले 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। मरीजों और उनके परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन में लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है। जिसे लेकर परिजन मरीज के साथ शुक्रवार रात अस्पताल में हंगामा किया। इस बीच सूचना पर पहुंची पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन से बात की और अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए मरीज का दोबारा बेहतर इलाज कराने का भरोसा दिलाया। जिसके बाद मरीज शांत हुए।

पीड़ित

हालांकि पुलिस का कहना है कि यदि इलाज बेहतर ढंग से नहीं होता है और उनको अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर मिलती है तो मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मामले में बेहतर इलाज के लिए बड़े डॉक्टर्स से संपर्क कर फिर से इलाज किया जाएगा।

दरसअल 12 जून को 6 लोगों जिनमे यज्ञ नारायण चौबे निवासी बक्सर, वंदना देवी निवासी जौनपुर, त्रिवेणी वर्मा निवासी चंदौली, मालती देवी निवासी वाराणसी, अख्तरी बेगम निवासी वाराणसी समेत एक अन्य पुरुष का मोतियाबिंद का ऑपरेशन मारवाड़ी हिन्दू अस्पताल में हुआ था। मरीजों के अनुसार डॉक्टर्स ने कहा था कि 24 घंटे के बाद लोगों की आंख की रोशनी आनी थी लेकिन ऑपरेशन के 72 घंटे बीत चुके हैं अभी तक 6 लोगों में से किसी की भी आंख की रोशनी नहीं आई। इसी वजह से आज परिजन मरीजों संग अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे।

हंगामा करने पर डॉक्टर सनी गुप्ता मरीजों को लेकर पहाड़िया स्थित डॉक्टर नीरज पांडेय रेटिना फाउंडेशन के यहां पहुंचे। जहां नीरज पांडे ने सीटी स्कैन करने के बाद यह पता चला कि वायरस के कारण आंख की परत की पिछले हिस्से में मवाद जम जाने की वजह से किसी की भी रोशनी नहीं आई। इसके लिए फिर से ऑपरेशन करना पड़ेगा और ऑपरेशन का खर्च 35 से 50 तक के बीच का होगा। इसकी जानकारी होने के बाद परिजन एक बार फिर से आक्रोशित हो गए और दोबारा रुपए ना देने की बात कह कर हंगामा करने लगे। जिसके बाद पुलिस अस्पताल पहुंची और मामले की जांच शुरू हुई। अस्पताल ने दिया बेहतर इलाज का भरोसा

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इस संदर्भ में पुलिस का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन अपने खर्च पर दोबारा ऑपरेशन कराने की बात कह रहा है और इसके लिए दिल्ली ले जाने के लिए भी कहा है। अगर ऐसा नहीं होता है और मरीज और उनके परिजनों की तरफ से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ तहरीर मिलती है तो मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही होगी। वहीं मरीजों के परिजन का कहना है आज इनकी हालत का जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर की लापरवाही है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

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