गृह मंत्रालय का चौंकाने वाला खुलासा, तांबा नहीं ‘चीनी स्टील’ ले रही जवानों की जान

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय की खुफिया जांच से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सामने आई जानकारी के मुताबिक 31 दिसम्बर को जब जैश-ए-मोहमद के आतंकियो ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला कर दिया था। देर रात अचानक हुए इस हमले में सुरक्षा बल के 5 जवान शहीद हुए थे। जबकि जवानों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी हुई थी।

जवानों

ये जवान कैंप के गेट पर पहरा दे रहे थे। इसी दौरान ये हमला हुआ था। इस घटना में खास बात ये है कि शहीद 5 जवानों में से दो जवानों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी हुई थी।

बावजूद इसके आतंकियों की गोली उनकी जैकेट को भेदते हुए सीने में जा लगी। हालांकि जवाबी कार्रवाई में सेना ने नजदीक ही एक बिल्डिंग में छिपे तीनों आतंकियों को मार गिराया था।

खुफिया जांच से खुलासा

हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों हैरान थी कि बुलेट प्रूफ जैकेट के बावजूद गोली लगने से हुई जवानों की मौत हुई कैसे। जवानों की मौत पर सुरक्षा एजेंसियों से लेकर गृह मंत्रालय तक में हलचल मच गई।

पूरे मामले की जांच की गई कि कहीं जैकेट में ही तो कोई खराबी नहीं है, लेकिन जैकेट हर टैस्ट में खरी उतरीं। बाद में जवानों को लगी गोलियों की जांच की गई।

जांच में पाया गया कि आतंकियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट को भेदने वाली खास किस्म की गोलियों का इस्तेमाल किया था। सेना ने जांच की कि आखिर आतंकियों के पास इस तरह की गोलियां कहां से आईं। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि आतंकियों का मददगार कोई और नहीं बल्कि चीन है।

चीन में इस तरह का स्टील तैयार किया जा रहा है जो बुलेट प्रूफ को भेद कर किसी के भी सीने के छलनी कर सकता है। और इस स्टील से बनी गोलियां चीन द्वारा आतंकियों को सप्लाई की जा रही हैं।

गोली में पहले लगता था तांबा, लेकिन अब स्टील

जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, जवानों की बुलेट प्रूफ शील्ड में कोई कमी नहीं थी। बल्कि आतंकियों की ओर से चलाई गई गोली का अगला भाग स्टील का बना होने के कारण बुलेट प्रूफ शील्ड उन्हें रोक नहीं पाया।

गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, एके-47 राइफल में इस्तेमाल की जाने वाली गोली का अगला हिस्सा अब तक तांबा का बना होता है जो बुलेट प्रूफ जैकेट को भेद नहीं पाता था और जवान डटकर मैदान में खड़े रहते थे। लेकिन चीनी स्टील वाली ये नई बुलेट पहली बार कश्मीर में जवानों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल हुईं और बुलेट प्रूफ़ जैकेट नाकाम रहीं।

आमतौर पर गोलियों की नोक पर इस्तेमाल होता है तांबा

जांच से पता चला है कि, गोलियों में लगा खास तरह का स्टील चीन तैयार करता है। इसके अलावा सुरक्षा सूत्र बताते हैं कि आतंकियों के पास वे हथियार मिले थे जो अमेरिका ने पाकिस्तान के सेना को सप्लाई किए थे। गोली के आगे लगा स्टील ज्यादा अपने लक्ष्य में ज्यादा ताकत के साथ लगता है और ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।

ऐसे तो VVIP पर भी खतरा

इस हमले में आतंकियों की गोली ने सेना की बुलेट प्रूफ गाड़ी में भी छेद कर दिए थे। अब सुरक्षा एजेंसियों को खतरा इस बात का है कि देश के बड़े राजनेता और VVIP की सुरक्षा के लिए भी बुलेट प्रूफ कारें लगी हैं, लेकिन आतंकियों की गोली अब उन्हें भी आसानी से निशाना बना सकती हैं।

नए सिरे से सुरक्षा इंतजाम

इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां फिर से जवानों, राजनेताओं और वीवीआईपी की सुरक्षा की समीक्षा कर रही हैं, ताकि आतंकियों के नए मंसूबों को कामयाब होने से रोका जा सके। इस तरह की जैकेट और वाहन तैयार किए जाएं जो चीन की इस स्टील लगी गोली का भी सामना कर पाएं।

जी न्यूज़ की (रीमा पाराशर) रिपोर्ट

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