Electricity Amendment Bill 2021: बिजली काटने पर बिजली कंपनी को देना होगा जुरमाना
19 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मॉनसून सत्र। ऐसे में एक बार फिर केंद्र सरकार कुछ नए बिल ले कर आ रही हैं, जिससे जनता को काफी सुविधाए मिलेंगी। इसी क्रम में केंद्र सरकार का एक नया पावरफुल बिल है – Electricity Amendment Bill 2021।
इस बिल के तहत अगर आपको बिजली सेवाएं देने वाली मौजूदा कंपनी से परेशानी है या उनकी दी जा रही सुविधाओं से आप खुश नहीं है तो आपके पास अब बिजली कंपनी बदलने और इच्छानुसार नई कंपनी चुनने का अधिकार होगा। इतना ही नहीं इस विधेयक ने उपभोक्ताओं को ज्यादा ताकतवर बनाया गया है। इसके तहत अगर कोई बिजली कंपनी बिना बताए बिजली काटती है तो उसे उपभोक्ताओं को हर्जाना देना होगा । इतना ही नहीं बिजली कंपनी को बिजली काटने से पहले उपभोक्ता को इसकी जानकारी देनी होगी । अगर निश्चित समयसीमा से ज्यादा बिजली कटौती हुई तो भी हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है। ये ठीक वैसे ही काम करेगा जैसे कि आप किसी टेलीकॉम कंपनी की सेवाओं से नाखुश होते हैं तो दूसरी टेलीकॉम कंपनी पर पोर्ट करते हैं।
13 अगस्त तक चल सकता हैं मानसून सत्र
पावर एंड रीन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर आर के सिंह के अनुसार, सरकार को सोमवार को शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में Electricity Amendment Bill 2021 पेश कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो ये पावर डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में एक बड़ा रिफॉर्म होगा, जो उपभोक्ताओं को एक बड़ी ताकत देगा । जनवरी में Electricity Amendment Bill 2021 का एक प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए जारी किया गया था। बता दें कि मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो सकता है और 13 अगस्त तक चल सकता है।
क्या मिलेगा लाभ
इस बिल के आने के बाद निजी कंपनियों के लिए बिजली वितरण के क्षेत्र में आने का रास्ता खुल जाएगा :
- ऐसा इसलिए क्योंकि नई व्यवस्था में लाइसेंस लेने की जरूरत खत्म हो जाएगी ।
- इससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी ।
- इसका सीधा फायदा बिजली उपभोक्ताओं को होगा, क्योंकि उनके पास चुनने के लिए कई सर्विस प्रोवाइडर्स होंगे ।
- मौजूदा वक्त में कुछ सरकारी और निजी कंपनियों का ही बिजली वितरण के क्षेत्र में दबदबा है.
- प्रस्तावित विधेयक के आने के बाद मौजूदा वितरण कंपनियां अपनी सेवाएं जारी रखेंगी, लेकिन उसी क्षेत्र में दूसरी बिजली वितरण कंपनियां भी पावर सप्लाई का बिजनेस कर सकेंगी ।
- ऐसे में उपभोक्ताओं के पास कई सारी बिजली कंपनियों में से चुनाव करने का विकल्प होगा ।
नई कंपनियों को करना होगा रजिस्टर
ऐसी कंपनियां जो बिजली वितरण के कारोबार में उतरना चाहती हैं, उन्हें केंद्र सरकार योग्यता शर्तों का पालन करना होगा और बिजली वितरण शुरू करने से पहले खुद को वाजिब कमीशन के साथ रजिस्टर्ड करना होगा, कमीशन को भी कंपनी को 60 दिन के अंदर रजिस्टर्ड करना होगा। कमीशन रजिस्ट्रेशन को रद्द भी कर सकता है, अगर कंपनी योग्यता शर्तों पर खरा नहीं उतरती है।
बिजली काटी तो देना होगा हर्जाना
अगर कोई कंपनी बिना बताए बिजली काटती है तो उसे उपभोक्ताओं को हर्जाना देना होगा। बिजली कंपनी को बिजली काटने से पहले उपभोक्ता को इसकी जानकारी देनी होगी। निश्चित समय सीमा से ज्यादा बिजली कटौती हुई तो भी हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है।
बता दे प्रस्तावित बिल के आने के बाद मौजूदा वितरण कंपनियां अपनी सेवाएं जारी रखेंगी, लेकिन उसी क्षेत्र में दूसरी बिजली वितरण कंपनियां भी पावर सप्लाई का बिजनेस कर सकेंगी। ऐसे में उपभोक्ताओं के पास कई सारी बिजली कंपनियों में से चुनाव करने का विकल्प होगा।