गैंगरेप पीड़िता की इलाज के दौरान तबीयत नाजुक, पुलिस की उड़ी नींद

रिपोर्ट- विकास

कानपुर। बीजेपी सरकार भले ही महिला संबंधी अपराधों को लेकर गंभीर हो, लेकिन वारदाते थमने की बजाए बढ़ती ही जा रहीं हैं।  ताजा मामला कानपुर का है, जहां एक लड़की की इज्जत से खिलवाड़ किया जाता है और पुलिस गैंगरेप जैसे मामलों में कार्रवाई के बजाय इसे दबाने का प्रयास करती है।

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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां स्वच्छता ही सेवा अभियान का नारा लगा रहे थे, वहीं न जाने कितनी बहु बेटियों को हवस का शिकार बना डाला गया, और न जाने कितने लोग अपनी बेटी के अत्याचार पर न्याय की गुहार लगाते रहे। कुछ इसी में एक है कानपुर के महाराजपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली नाबालिक किशोरी, जिसके परिजन अपनी बेटी के साथ हुए गैंगरेप की सच्चाई बयां करते रहे। लेकिन थाने स्तर पर आरोपियों को बचाया जाता रहा। लगातार तीन दिन बीत जाने के बाद जब हॉस्पिटल में अपनी जिंदगी को कसौट रही नाबालिग की हालत बिगड़ने लगी तो अधिकारियों के कान जु रेंगी, और आनन फानन में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया।

पूरे घटनाक्रम के विस्तार पर नजर डाली जाए जो अस्पताल के बिस्तर पर लेटी नाबालिक  किशोरी बीती 13 सितंबर की शाम अपनी सहेली के साथ खुले में शौच को गयी थी। जहां गाँव मे रहने वाले दो युवकों ने छेड़खानी करना शुरू कर दिया। जिसका विरोध करने की सजा कुछ इस कदर मिली कि दोनों युवकों ने किशोरी के मुँह दबा और सुनसान जगह लेजाकर बारी बारी से उसकी आबरू से खेलते रहे, और दूसरी लड़की द्वारा सूचना की याद आते फरार हो लिए।

वहीं जब तक किशोरी के घरवाले मौके पर पहुंचे तब तक उसकी हालत बेहद बदहवास थी। जिसको लेकर नजदीक के प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज तो शुरू किया लेकिन शनिवार शाम जब किशोरी की हालत बिगड़ने लगी, जिसके चलते उसे हैलट अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा। जहां ले जाने के बाद मामला बढता देख पुलिस ने आनन-फानन में परिजनों से तहरीर लेकर मामला दर्ज किया और तुरंत ही एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया, साथ ही दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।

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हालांकि पुलिस ने किशोरी के साथ हुए रेप काण्ड पर कार्रवाई तो शुरू की लेकिन उसकी हालत जिंदगी और मौत के झूले मे पहुँचने के बाद, अब सवाल यह उठता है कि अगर किशोरी की आंखे बंद हो जाये तो आरोपियों के अलावा उसका दोषी कौन होगा, क्या उसके वो माता पिता होंगे जो शर्म से गुपचुप रहकर इलाज करा रहे थे या फिर महाराजपुर पुलिस जो आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही थी।

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