Diwali 2020: इस दीवाली इन 10 बातों का रखें ख्याल, माँ लक्ष्मी करेंगी आपको मालामाल
दीपावली के दिन प्रत्येक घरों में श्री गणेश के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लोग माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने में किसी भी प्रकार की कसर नही छोड़ते। लोगों के घरों की सफाई कई दिनों से शुरु हो जाती है। लोग दीवाली के दिन पूरे घर को दीपों से सजाते हैं। माता लक्ष्मी की विधि पूर्वक पूजा करते हैं। लेकिन लोगों का कहना है कि फिर भी उन्हें माता लक्ष्मी का आशीष प्राप्त नही होता है। तो आज हम आपको बताने जा रहे है कि किस तरह आप इन बातों का ख्याल रखकर माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं। यकीन मानिए इन बातों को ध्यान में रखने से आप पर कुछ ही दिनों में माता लक्ष्मी की कृपा होनी शुरु हो जाती है और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने लग जाता है। तो आइए जानते हैं क्या हैं वह 10 बातें।
- प्रात: आप स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें और व्रत हो आप आपना पूरा दिन माँ लक्ष्मी को समर्पित कर दें। आप व्रत रहने से पूर्व इस व्रत संकल्प मंत्र को कहें-
मम सर्वापच्छांतिपूर्वकदीर्घायुष्यबलपुष्टिनैरुज्यादि-सकलशुभफल प्राप्त्यर्थं
गजतुरगरथराज्यैश्वर्यादिसकलसम्पदामुत्तरोत्तराभिवृद्ध्यर्थं इंद्रकुबेरसहितश्रीलक्ष्मीपूजनं करिष्ये। - फिर आप अपने घर को सजा माता के लिए स्वादिष्ट व्यंजन, कदली फल, पापड़ तथा अनेक प्रकार की मिठाइयों का भोग बना लें। शाम के होते ही आप दोबारा स्नान कर लें और नए वस्त्र धारण कर लें।
- फिर आप लक्ष्मीजी के चित्र के सामने एक चौकी रखें साथ ही उस पर मौली बांधें और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति को भी स्थापित कर लें।
- गणेश जी को तिलक लगा कर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधि पूर्वक पूजा करें व चौकी पर छः चौमुखे व 26 छोटे दीपक रखें।
- गणेश जी की पूजा के बाद आप एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक लें और यह मंत्र बोलकर माता लक्ष्मी को स्मरण करें-
नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरेः प्रिया।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात्वदर्चनात॥ - इसके बाद आप अपनी तिजोरी में गणेशजी तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजा करें साथ ही घर में मौजूद बहू-बेटियों को रुपए दें।
- मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा रात के 12:00 करने से माँ जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं। जिसके लिए आपको एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक जोड़ी लक्ष्मी तथा गणेशजी की मूर्ति रखनी होगी।
- फिर सौ रुपए, सवा सेर चावल, गुड़, चार केले, हरी ग्वार की फली तथा पांच लड्डू रखकर लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें। रात में घर में जागरण करने के साथ ही विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- रात में 12:00 बजे माँ लक्ष्मी की पूजा करने के पश्चात चूने या गेरू में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल तथा छाज (सूप) पर तिलक करें।
- अंत में दीवाली के दूसरे दिन प्रातःकाल चार बजे उठकर पुराने सूप में कूड़ा रखकर उसे दूर फेंकने के लिए ले जाते समय कहें ‘लक्ष्मी-लक्ष्मी आओ, दरिद्र-दरिद्र जाओ’।