Dhanteras 2020 : धनतेरस पर यह खास मंत्र आपको बनाएंगे धनवान, पूजा के बाद जरूर करें यह आरती

धनतेरस की पूजा शुक्रवार 13 नवंबर को की जा रही है। इस दिन से दिवाली के उत्सव की शुरुआत हो जाती है। धनतेरस के दिन सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरि की पूजा होती है। आपको बता दें कि धन्वंतरि अमृत कलश लिए हैं। यह तीनों लोकों के स्वामी और विष्णु भगवान का स्वरूप हैं। धनतेरस पर धन्वंतर भगवान के अलावा मां लक्ष्मी और कुबेर जी की भी पूजा का विधान होता है।
धन्वंतरि की पूजा करते समय कुछ खास मंत्र का जप जरूर करना चाहिए। इसी के साथ मान्यता है कि धन्वंतरि की पूजा के बाद आरती भी जरूर करनी चाहिए। आइए आज हम आपको इन्हीं मंत्रों और आरती के बारे में बताते हैं।

मंत्र –

ॐ धन्वंतराये नमः॥

आरोग्य प्राप्ति के लिए मंत्र –

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

धन्वंतरि की पूजा के बाद आरती का भी अपना अलग ही महत्व बताया गया है। आज हम आपको वही आरती बताने जा रहे हैं।

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।

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