Dengue: ‘Tiger’ पर दवाइयाँ हुई बेअसर, एक किमी की परिधी में फैला रहा डेंगू, ऐसे करे बचाव

शकुन्तला

प्रदेश में डेंगू का कहर जारी है। ऐसे में कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के एक अध्ययन में पता चला है कि डेंगू फैलाने वाले टाइगर मच्छरों ने अपना हमला तेज कर दिया है ये पहले के मुकाबले और मजबूत हो गए है और इन मच्छरों ने अपने अंदर कीटनाशक के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है। जिसके चलते डेंगू का संक्रमण और तेजी से फ़ैल रहा है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञों के बताया है की कानपुर में डेंगू फैलाने वाला टाइगर (एडीज) मच्छर पहले से काफी मजबूत हो चूका है। इसपर पुरानी दवाइयाँ अब असर नहीं कर रही है ये मच्छर एक किमी की परिधि में घूमकर डेंगू फैला सकता है।

इन पर अब छिटपुट फॉगिंग का असर नहीं होने वाला। इन मच्छरों को खतम करने के लिए इनके रूटीन का अध्ययन करके फॉगिंग करवाई जाए। तभी फोगिंग का असर होगा। लोगो ने घर के आसपास कूड़ाघर बना रखा है जगह जगह जलभराव हो रखा है। लोग अपने घरो की सफाई कर के समझते है की वो सुरक्षित है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है ये मच्छर एक किमी की परिधी में डेंगू फैला रहे है।

विशेषज्ञों का करना है की अगर सही ढंग से फॉगिंग नहीं हुई तो ये मच्छर नहीं मरेगा। धुएं से सिर्फ बेहोश हो सकता है। लेकिन इसके बाद और रिसेस्टेंट हो जाएगा। टाइगर (एडीज) मच्छर अब सालभर जीवित रहता है और कड़कड़ाते जाडे़ या  झुलसाऊ गर्मी में भी बिल्कुल खत्म नहीं होगा।

जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह बताया की टाइगर मच्छर दिन के समय घर से बहार नहीं निकलता इसलिए दिन के समय घरो के अंदर फॉगिंग करनी चाहिए ये मच्छर शाम के समय प्रजनन के लिए घरो से बाहर आते है। ऐसे में शाम के समय फॉगिंग घरो से बाहर करनी चाहिए।

ऐसे खुद करे बचाव

मिट्टी के तेल में पैराथ्रम मिलाकर घर में स्प्रे करें।

यह मच्छर घरो में नीचे की तरफ रहता है इसलिए छिड़काव दीवार के नीचे से करें।

दवा का छिड़काव करने के बाद थोड़ी देर के लिए घर के बाहर निकल जाएं।

डीडीटी या दूसरी दवाओं का असर 75 दिन तक रहता है।

घर के आसपास जलभराव हो तो जला हुआ डीजल या मिटटी का तेल पानी की सतह पर डाले।

बर्तनों में पानी इकठ्ठा न रखें।

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