इमारत गिरने से 6 की मौत, जांच के आदेश, मुआवजा घोषित

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार सुबह चार मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें चार बच्चों और दो महिलाओं की मौत हो गई।

दिल्ली

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुर्घटना की दंडाधिकारी से जांच के आदेश दे दिए हैं, और प्रत्येक मृतक परिवार के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा घोषित कर दिया है।

पुलिस ने बताया कि मलबे में अन्य छह लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

पुलिस ने कहा कि उत्तर दिल्ली के सावन पार्क इलाके में एक जेजे क्लस्टर में खड़ी यह पुरानी इमारत सुबह लगभग 9.30 बजे ढह गई। इलाके के निवासियों ने पुलिस को सूचित किया कि इमारत में रहने वाले कुछ किराएदार मलबे में फंसे हुए हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और दिल्ली अग्निशमन सेवा की टीमों ने इलाके के निवासियों के साथ मिलकर पांच घंटे से अधिक समय तक बचाव कार्य चलाया और फंसे लोगों को निकालने के लिए दो क्रेनों की भी मदद ली गई।

पुलिस उपायुक्त असलम खान ने कहा, “मृत बच्चों की पहचान सुमनेश दो, और उसके बड़े भाई रजनीश के रूप में हुई है। इसके अलावा दो अन्य सगे बहन-भाई आशि तीन और सौर्य दो दूसरी मंजिल पर रहते थे। दो मृत महिलाएं मुन्नी देवी 40 और सीमा 25 हैं।”

खान ने कहा, “इमारत लगभग दो दशक पहले बनी थी और बुरी हालत में थी।”

दीप चंद बंधु अस्पताल के अनुसार, वहां भर्ती छह घायलों में कमला शंकर 18, मंजू 22, लक्ष्मण 26, विजय 30, निशा 35, और राज बहादुर 35 हैं। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई गई है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और अधिकारियों के साथ दुर्घटनास्थल का भी दौरा किया।

केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने दंडाधिकारी से जांच के आदेश दिए हैं। दिल्ली सरकार प्रत्येक मृतक के रिश्तेदार को पांच लाख रुपये मुआवजा देगी।”

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केजरीवाल ने भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तर दिल्ली नगर निगम पर हमला किया और कहा कि इमारत की सुरक्षा की जिम्मेदारी एमसीडी की है।

पुलिस ने कहा कि इमारत का मालिक धर्मेद्र और उसके साझेदार सचिन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। खान ने कहा, “दुर्घटना के बाद वे अपने परिवार के साथ फरार हो गए हैं। उन्हें पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया है।”

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पुलिस अधिकारी ने कहा कि इलाके के एक निवासी संजीव गुप्ता ने अगस्त 2017 में उत्तर दिल्ली नगर निगम के पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी कि यह इमारत जनता के लिए खतरा बनी हुई है। लेकिन एमसीडी के अधिकारियों ने अभी मात्र 20 दिनों पहले इमारत का निरीक्षण किया था।

अधिकारी ने कहा कि चार परिवारों के लगभग 23 किराएदार इमारत की विभिन्न मंजिलों पर रह रहे थे।

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