चीन को पछाड़ भारत ने रच दिया कीर्तिमान, ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ होगी विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति अब चीन नहीं भारत के पास होगी। भारत ने विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ बनाकर नया कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है। अभी तक दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का नाम पूछो तो लोग ‘चीन की स्प्रिंग टेंपल बुद्धा’ बताते थे। लेकिन अब यह हकीकत बदलने वाली है। बहरहाल, आइए जानते हैं दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा में क्या कुछ खास है।

चीन को पछाड़ भारत नने रच दिया कीर्तिमान, 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' होगी विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा

गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास बनाई जा रही दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ अब बनकर लगभग तैयार है। गुजरात के केवड़िया में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध से महज 3.32 किलोमीटर की दूरी पर इस विशालकाय प्रतिमा को बनाया गया है।

‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को करेंगे। सात किलोमीटर की दूरी से 182 मीटर ऊंची यह विशाल प्रतिमा आपको दिखने लेगी।

इस स्मारक की आधारशीला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए 31 अक्तूबर, 2013 को पटेल की 138 वीं वर्षगांठ के मौके पर रखी थी। गुजरात के सीएम रहते नरेंद्र मोदी की इच्छा थी कि वल्लभ भाई पटेल की एक ऐसी प्रतिमा बने जो कि विश्व में सबसे ऊंची हो।

गुजरात में बन रहे इस स्टैच्यू की खास बात ये है कि इसके अंदर दो लिफ्ट रखी गई हैं। स्टैच्यू बाहर से जितनी भव्य है, अंदर से उतनी ही मनमोहक होगी। स्टैच्यू के अंदर बनी लिफ्ट यहां आने वाले पर्यटकों को ऊपर तक ले जाएंगी, जहां सरदार पटेल के दिल के पास एक गैलरी बनाई गई है, यहां से पर्यटकों को सरदार पटेल बांद और वैली का मनमोहक नजारा देखने को मिलेगा।

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82 मीटर ऊंचे सरदार पटेल के इस स्टैच्यू को बनाने के लिए चार धातुओं का इस्तेमाल किया गया है। ऐसा दावा किया गया कि इसमें हजारों साल तक जंग नहीं लगेगी। यह प्रतिमा भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की है। बताया गया कि सरदार पटेल की ये मूर्ति 6.5 तीव्रता वाले भूकम्प को भी झेल सकती है।

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