मुस्लिम युवती बनी रामलीला में सीता

नई दिल्ली| जहां एक ओर देश में सांप्रदायिकता का माहौल बना रहता है। वहीं, दूसरी ओर एक मुस्लिम युवती धार्मिक रामलीला दक्षिणी दिल्ली चिराग दिल्ली में आयोजित रामलीला में सीता बनकर सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देने का प्रयास कर रही है। गजल खान पिछले पांच वर्षो से रामलीला में सीता मां का किरदार निभा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि रामलीला में मां सीता का किरदार निभाने में कभी धर्म आड़े नहीं आया। साथ ही कहा कि धर्म से बड़ा मानवता होता है।

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मूलरूप से उत्तर प्रदेश के एक छोटे से प्रदेश अलीगढ़ से आने वाली गजल खान का जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ है। उन्होंने अपनी की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमएससी पैथोलॉजी में की है। रामलीला के अलावा वह कई सीरियल और बॉलीवुड की फिल्मों में भी काम कर रहीं हैं। खान ने बताया कि एक्टिंग के अलावा वह बेंगलोर में एक सैलून भी चला रहीं हैं।

सीता मां का किरदार निभा रहीं गजल खान ने कहा कि राजनेता हमें हिन्दू और मुस्लिम के नाम पर बंटाते है। उन्होंने कहा कि लेकिन हम सब हिन्दू और मुस्लिम होने से पहले एक इंसान हैं। साथ ही कहा कि हर धर्म हमें भाईचारे और मानवता की शिक्षा देता है। खान ने कहा कि रामलीला में मां सीता के किरदार निभाने के लिए परिवार में काफी खुशी और उत्साह का मौहाल है। वहीं श्री धार्मिक रामलीला दक्षिणी दिल्ली चिराग दिल्ली के मुख्य संरक्षक राकेश गुलिया ने कहा कि भगवान राम हमें सबसे बड़ा मानवता का संदेश देते हैं। उनकी नजर में हर कोई एक सामान रहा है।

उन्होंने कहा कि जिसका सबसे बड़ा उदाहरण केवट संवाद और भगवान राम का केवट के साथ व्यवहार हमें देखने को मिलता है। साथ ही कहा कि उसी भाईचारे के साथ हम सभी को परिवार की तरह एक एकजुट होकर रहना चाहिए।

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श्री धार्मिक रामलीला दक्षिणी दिल्ली चिराग दिल्ली के महासचिव सुशील प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अगर हमें अपने जीवन में सफलता हासिल करनी है तो भगवान राम के पद चिन्हों पर चलना होगा। उन्होंने कहा कि धर्म और पिता के वचन का सम्मान करते हुए जिस तरह भगवान राम ने गद्दी का त्याग किया था। उसी तरह से हमें जीवन में लालच नहीं करना चाहिए।

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