CBSE 12‍वीं की किताब में 36-24-36 फिगर को बताया मस्त, प्रकाशक पर हुई FIR

CBSE 12‍वीं की किताब
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नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा बारहवीं की शारीरिक शिक्षा की पुस्तक में महिलाओं का अश्लील चित्रण और निर्धारित पाठ्यक्रम को अभद्र तरीके से प्रस्तुत करने पर न्यू सरस्वती हाउस प्रकाशक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। प्रकाशक ने बाहरवीं की शारीरिक शिक्षा की पुस्तक में महिलाओं के लिए सबसे सही आकृति 36-24-36 को बताया है। इस बात के सामने आने के बाद बोर्ड ने साफ किया था कि यह विवादास्पद पुस्तक बोर्ड ने निर्धारित नहीं की है।

बारहवीं की हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन नामक इस पुस्तक के लेखक डॉ. वीके शर्मा हरियाणा के कैथल (चीका) स्थित डीएवी कॉलेज में फिजिकल एजुकेशन विभाग में प्रोफेसर हैं। पुस्तक को नई दिल्ली स्थित न्यू सरस्वती हाउस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने छापा है। सीबीएसई ने महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 की धारा(6) के तहत प्रीत विहार पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है।

इस मामले के सामने आने के बाद बोर्ड ने पुस्तक की सामग्री की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई थी। समिति ने पाया कि पुस्तक में आकृति, आकार, फिगर को अनुपयोगी रुप से वर्णित किया गया है, जो कि पाठ्यक्रम के अनुरुप नहीं है। प्रकाशक-लेखक का दावा है कि पुस्तक में संदर्भ से लिखा है, जबकि पाठ्यपुस्तक पाठ्यक्रम के अनुसार नहीं है।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रकाशक और लेखक ने कुछ स्कूलों के साथ मिलकर छात्रों को बेचने का अपराध किया है। साथ ही प्रकाशक ने सीबीएसई की विश्नसनीयता, प्रतिष्ठा को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया है।

बोर्ड का कहना है कि बारहवीं कक्षा के शारीरिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को युवाओं के बीच स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। शारीरिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में खेल, पोषण, योग, जीवनशैली, मनोविज्ञान, प्रशिक्षण जैसे विषय शामिल हैं।

बोर्ड ने साफ कर दिया है कि बोर्ड किसी भी लिंग विशेष रूप से महिलाओं के लिए अप्रासंगिक, सेक्सियट या अपमानजनक संदर्भों को प्रोत्साहित नहीं करता है। बोर्ड का डॉ. वीके शर्मा की लिखी हुई इस पुस्तक की आपतिजनक सामग्री और अश्लील संदर्भ के साथ कोई संबंध नहीं है। स्कूलों ने स्वयं ही निजी प्रकाशक की इस पुस्तक की सिफारिश की है।

उल्लेखनीय है कि सीबीएसई पहले ही कह चुका है कि स्कूलों को एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर प्रकाशित सीबीएसई व एनसीईआरटी की ही पुस्तक को पढ़ाना होगा। स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबों का चयन करने में अत्यंत सावधानी बरतेंगे। इस बात का ध्यान रखेंगे कि ऐसी आपतिजनक सामग्री न हो जो किसी वर्ग, समुदाय, लिंग व धार्मिक भावनाओं को आहत करती हों। सीबीएसई के अनुसार यदि कोई स्कूल निजी प्रकाश की पुस्तक पढ़ाता है तो यह स्कूल की जिम्मेदारी होगी।

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