CBI विवाद : सुब्रमण्यम स्वामी ने CVC जांच पर उठाए सवाल, कहा- मोदी को मिला गलत सुझाव

नई दिल्ली। सीबीआई विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी के डायरेक्टर आलोक वर्मा को राहत देते हुए सरकार के उस निर्णय को निरस्त कर दिया था, जिसमें उन्हें विवाद के चलते छुट्टी पर भेजा गया था।

इसके बाद वह पुनः अपने कार्य पर लौट आए थे। लेकिन 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि सीबीआई प्रमुख वर्मा से उनका पद छीन लिया गया है।

हालांकि, इस फैसले के पीछे केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच को आधार बताया जा रहा है। लेकिन सीबीआई डायरेक्टर को अचानक इस तरह पद से हस्तांतरित करने के फैसले पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। एक ओर जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रही है। तो वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने भी आलोक वर्मा को निदेशक पद से हटाए जाने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है।

पार्टी के वरिष्ठ सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि सीबीआी प्रमुख को गलत तरीके से हटाया गया है। स्वामी ने सीवीसी को भी आरोपों के आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई निदेशक को नहीं हटाया जा सकता है। सीवीसी की हैसियत आरबीआई गवर्नर से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

स्वामी ने कहा- पीएम मोदी को सीवीसी से गलत सुझाव मिले

स्वामी ने कहा कि सरकार आलोक वर्मा का पक्ष जाने बिना सिर्फ सीवीसी की रिपोर्ट को आधार बनाकर उन्हें नहीं हटा सकती। वर्मा को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को फर्जी कानूनी जानकारों ने गलत सुझाव दिया है। जिन लोगों ने गलत सुझाव दिया है उन्होंने ही सरकार को इस हालत में पहुंचाया है।

स्वामी ने कहा कि सीवीसी की रिपोर्ट एक अन्य अधिकारी के दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसने ‘‘गलत रिपोर्ट’’ दी है। उन्होंने कहा, “इसकी जांच होनी चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि यह (वर्मा को हटाया जाना) हो सकता है। अगर वर्मा को हटाया जाएगा तो समस्या सुलझने की बजाय और बिगड़ जाएगी। स्वामी ने कहा कि वह चाहेंगे कि प्रधानमंत्री ऐसे कदम उठाएं जो इतिहास बने।’

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को रद्द कर आलोक वर्मा को दी थी राहत

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने 77 दिन बाद अपना कार्यभार बुधवार को संभाला था। वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच की लड़ाई सार्वजनिक होने के बाद केन्द्र सरकार ने 23 अक्टूबर 2018 की देर रात आदेश जारी कर वर्मा के अधिकार वापस लेकर उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया था।

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सरकार के आदेश को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था जिसके बाद वर्मा ने कार्यभार संभाल लिया। हालांकि, इसके बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्ययी कमेटी ने वर्मा की निदेशक पद से छुट्टी कर दी और उन्हें डीजी फायर नियुक्त किया गया है।

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