गर्भावस्था के दौरान गबरू जवानों पर मर मिटती हैं महिलाएं, इस बात में कितनी सच्चाई है?

लंदन। क्या आप सोचते हैं कि महिलाएं अपने प्रजनन काल में किसी खास किस्म के पुरुषों के प्रति आकर्षित होती हैं? अगर आप ऐसा सोचते हैं तो यह धारणा सच्चाई से काफी दूर है क्योंकि एक नए शोध में पता चला है कि महिलाओं का पुरुषों के प्रति आकर्षित होना उनके हार्मोन स्तर पर निर्भर नहीं करता।

प्रजनन काल

साइकोलाजिकल साइंस जर्नल में प्रकाशित ये नतीजे उस आम धारणा के विपरीत हैं कि लैंगिक चयन के दबावों में महिलाएं शारीरिक रूप से अधिक मजबूत पुरुषों को अपना जीवनसाथी बनाना पसंद करती है जो आनुवंशिक तौर पर काफी फिट हैं, खासकर उस समय जब वे प्रजनन काल में होती हैं अथवा गर्भ धारण करने की अवस्था में होती हैं।

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ब्रिटेन की ग्लासगो यूनिवर्सिटी की प्रमुख शोधकर्ता बेनेडिक्ट जोंस का कहना है कि हमें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि महिलाओं के हार्मोन में बदलाव से पुरुषों के प्रति उनके आकर्षण में कोई बदलाव आता है।

उन्होंने अपने शोध में महिलाओं को पुरुषों के फोटो दिखाए और उनसे उनके बारे में पूछा। प्रत्येक महिला को दस पुरुषों के फोटो दिखाए गए और उन्होंने अपनी वरीयता के हिसाब से इन्हें रेटिंग दी कि इनमें से कौन अधिक आकर्षित है।

दरअसल एक ही पुरुष के एक फोटो को डिजिटल तौर पर महिलाओं जैसा बनाया गया और एक फोटो में महिलाओं जैसे फीचर डाल दिए गए। जैसा कि पहले ही उम्मीद थी महिलाओं ने अधिक मर्दाने किस्म के फोटो को अधिक तवज्जो दी और महिलाओं जैसे नैननक्श वाले पुरुषों को कम आकर्षक माना।

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हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि उनकी पसंद तथा प्रजनन से संबधित हार्मोन में कोई खास संबंध पाया गया है। महिलाओं के शरीर में ये हार्मोन एस्ट्राडियोल और प्रोजेस्ट्रोन के नाम से जाने जाते हैं।

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