Blindness Week: इन तरीकों को अपनाने से 60 साल बाद भी आंखों की रोशनी रहेगी बरकरार…

आजकल हम देखते हैं कि लोगों के खान-पान में बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका है. बीमारियां तो बढ़ ही रही है, साथ ही उनको सहने की क्षमता भी कम होती जदा रही है. देखा जा रहा है कि छोटे-छोटे बच्चों तक को चश्मा लग चुका है. इतनी कम उम्र में आंखों की रोशनी कम हो जाना अच्छी बात नहीं है. आंखों की रोशनी का कमजोर होना आज के समय में एक गंभीर विषय बन गया है, जिसके बारे में सोचना नितांत आवश्यक है. इसलिए हम यही सलाह देंगे कि अगर आंखों की अच्छे से देखभाल की जाए तो 60 साल की उम्र के बाद भी उनकी रोशनी कम नहीं होती है.

 

आंख

 

 

ब्लाइंडनेस वीक के माध्यम से भारत सरकार नेत्रहीनों को जागरूक करती है। ऐसे में आज हम भी आपको आंखों की देखभाल के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन तरीकों को अपनाने से आपको लंबे समय तक आंखों से जुड़ी किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होगी और चश्मा लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

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खानपान पर ध्यान
अगर इंसान का खानपान सही रहे तो किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं होगी। पौष्टिक और संतुलित आहार के माध्यम से इंसान स्वस्थ रहते हुए लंबे जीवन का सफर तय कर सकता है। आंखों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा -3 फैटी एसिड, ल्यूटिन और जस्ता जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की आवश्यकता पूरी करने के लिए आपको अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, अंडे, घी, नट्स, दाल, बीन्स संतरे और अन्य खट्टे फलों को शामिल करना चाहिए।

धूम्रपान से दूरी
धूम्रपान यानी स्मोकिंग शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। यह आपके फेफड़े समेत आंखों की रोशनी के लिए बेहद हानिकारक है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने से ड्राई आई, मैक्यूलर डिजनरेशन, डायबिटिक रेटिनोपैथी, आई सिंड्रोम और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं जरूर होती हैं। इसलिए आंखों की सेहत के लिए धूम्रपान से दूरी बनाए रखें।

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