
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों में एनडीए की शानदार जीत के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। जनता दल (यूनाइटेड) के आधिकारिक एक्स अकाउंट से शुक्रवार को एक पोस्ट किया गया, जिसमें नीतीश कुमार को “बिहार के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे” घोषित किया गया, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद इसे डिलीट कर दिया गया।
इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है, जहां एक ओर JDU समर्थक इसे नीतीश की दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की पुष्टि मान रहे हैं, वहीं BJP की मजबूत स्थिति को देखते हुए अटकलें लगा रही हैं कि क्या गठबंधन में ‘बिग ब्रदर’ की भूमिका बदल जाएगी।
चुनाव से पहले BJP ने स्पष्ट कहा था कि बिहार चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है, लेकिन औपचारिक रूप से उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया। डिलीटेड पोस्ट में लिखा था, “अभूतपूर्व और बेजोड़। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।” इसके बाद पटना में “25 से 30, फिर से नीतीश” के पोस्टर और बिलबोर्ड लगे दिखे, जो JDU की उम्मीदों को दर्शाते हैं। लेकिन पोस्ट डिलीट होने से अटकलें बढ़ गईं कि क्या BJP ने JDU को चेतावनी दी या आंतरिक असहमति है।
चुनाव परिणाम और सीट बंटवारा: BJP सबसे बड़ी पार्टी, JDU पीछे
चुनाव आयोग के ताजा रुझानों के अनुसार, एनडीए 200 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है, जो 2010 के 206 सीटों के रिकॉर्ड को तोड़ने की ओर इशारा कर रहा है। BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है (92-94 सीटें), जबकि JDU को 82-83 सीटें मिल रही हैं। अन्य सहयोगी—LJP (रामविलास) को 21, HAM को 5 और RLM को 4 सीटें—मिलाकर NDA का कुल 204 का आंकड़ा है। महागठबंधन को मात्र 39 सीटें (RJD 26, कांग्रेस 4) मिल रही हैं। इस सीट बंटवारे ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या BJP, जो महाराष्ट्र 2024 की तर्ज पर अपना उम्मीदवार थोपेगी?
संभावित उम्मीदवार: नीतीश vs सम्राट चौधरी?
- नीतीश कुमार का पक्ष: नीतीश ने लगभग 20 वर्षों में बिहार को ‘जंगल राज’ से ‘सुशासन’ की ओर ले जाने का दावा किया है। महिलाओं और EBC वोटरों में उनकी अपील ने NDA की लैंडस्लाइड जीत में अहम भूमिका निभाई। JDU नेता छोटू सिंह ने कहा, “नीतीश कुमार की जीत पर बधाई, बिहार फिर हॉली-दिवाली मनाएगा।” LJP-RV सांसद शंबवी चौधरी ने भी कहा, “नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे।” यदि वे दसवीं बार शपथ लें, तो रिकॉर्ड बन जाएगा।
- BJP का दावा: BJP ने सीट शेयरिंग में समानता (101-101) कर JDU को ‘बिग ब्रदर’ की भूमिका से हटाया। महाराष्ट्र 2024 की तरह, जहां एकनाथ शिंदे के बावजूद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने, यहां उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (BJP) का नाम जोर-शोर से चर्चा में है। चौधरी, जो विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, अपनी संगठनात्मक क्षमता के लिए जाने जाते हैं। गिरिराज सिंह जैसे BJP नेता ‘जंगल राज’ के खिलाफ जीत बता रहे हैं।
आगे क्या? पोस्ट-इलेक्शन रणनीति पर नजरें
विपक्ष ने SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) को ‘साजिश’ बताकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। लेकिन NDA के लिए यह ‘सुशासन’ की जीत है, जहां नीतीश की महिलाओं के बीच लोकप्रिय योजनाएं (जैसे ₹10,000 ट्रांसफर) अहम रहीं। अंतिम नतीजे शाम तक स्पष्ट होंगे, उसके बाद गठबंधन की बैठकें तय करेंगी कि नीतीश बरकरार रहेंगे या BJP अपना दांव चलेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश की लोकप्रियता को नजरअंदाज करना BJP के लिए जोखिम भरा होगा।




