
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली और राजस्थान में फर्जीवाड़े और रिश्वतखोरी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। दो कुख्यात ठगों—अजीत कुमार पात्रा (51 वर्ष) और मिंकू लाल जैन (46 वर्ष)—को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो खुद को केंद्रीय एजेंसियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के रूप में पेश कर लोगों को धमकाते और रिश्वत वसूलते थे।
दोनों ने कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भी उजागर किए हैं, जिनकी संलिप्तता की जांच चल रही है। जांच एजेंसी के अधिकारियों को दोनों के पास से जब्त अकूत दौलत देखकर हैरानी हुई, जिसमें 3.7 करोड़ रुपये नकद, एक किलोग्राम सोने के आभूषण, 26 संपत्ति दस्तावेज और लग्जरी वाहन शामिल हैं।
फर्जी पहचान से VIP सुविधाओं का फायदा
सीबीआई की जांच के अनुसार, पात्रा और जैन ने विभिन्न सरकारी विभागों, मंत्रालयों, प्रवर्तन एजेंसियों और न्यायपालिका के उच्च अधिकारियों के रूप में खुद को पेश किया। वे नाम ड्रॉपिंग का सहारा लेते थे और दावा करते थे कि उनके शीर्ष अधिकारियों से सीधे संबंध हैं। इसी बहाने वे लोगों को डराते-धमकाते थे। दोनों ने सरकारी परिसरों में VIP प्रोटोकॉल का लाभ उठाया, जिसमें सरकारी आवासों में ठहरना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना रोके आवाजाही, सरकारी कार्यक्रमों और धार्मिक आयोजनों में VIP के रूप में भाग लेना शामिल था। दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा में फैले उनके नेटवर्क से कई निजी व्यक्ति और अधिकारी प्रभावित हुए।
गिरफ्तारी का खुलासा: GST छापे से जुड़ा रिश्वत कांड
यह मामला 4 नवंबर 2025 को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI), जयपुर की एक टीम द्वारा साइबडियर नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ विनोद परिहार के ठिकानों पर छापेमारी से सामने आया। गिरफ्तारी से बचने के लिए परिहार ने कथित रूप से पात्रा और जैन से संपर्क किया। दोनों ने DGGI के ‘अज्ञात अधिकारियों’ से मामला ‘सुलझाने’ के लिए 18 लाख रुपये रिश्वत की मांग की। इसकी जानकारी सीबीआई को मिलते ही जाल बिछाया गया। 10 नवंबर 2025 को जयपुर में परिहार द्वारा भेजे गए जजजीत सिंह गिल से रिश्वत राशि लेते समय दोनों को धर दबोचा गया।
जब्ती से चौंकाने वाली संपत्ति
गिरफ्तारी के बाद दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी में सीबीआई को भारी मात्रा में संपत्ति जब्त हुई:
- 18 लाख रुपये का ट्रैप मनी (रिश्वत राशि)।
- लगभग 3.7 करोड़ रुपये नकद।
- करीब 1 किलोग्राम सोने के आभूषण।
- अजीत पात्रा और उनके रिश्तेदारों के नाम पर 26 संपत्ति दस्तावेज।
- 4 लग्जरी वाहन और 12 अन्य वाहन।
- डिजिटल उपकरण और अन्य आपराधिक सामग्री।
सीबीआई ने भारतीय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। दोनों को 12 नवंबर को कोर्ट में पेश किया जाएगा। जांच जारी है, और दोनों ने पूछताछ में कई वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिए हैं, जिनकी भूमिका की पड़ताल की जा रही है। यह गिरफ्तारी सरकारी तंत्र में घुसपैठ और भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की सख्ती को दर्शाती है।





