BCCI को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने मानीं लोढ़ा समिति की सिफारिशें

लोढ़ा समितिनई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लोढ़ा समिति की अधिकतर सिफारिशों को अपनी मंजूरी दे दी है| कोर्ट ने मान लिया है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) में कोई मंत्री नहीं होगा और 70 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति को बीसीसीआई की सदस्यता नहीं मिलेगी| सुप्रीम कोर्ट ने एक राज्य एक वोट वाली बात को भी माना है|

इससे पहले 30 जून को मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर और न्यायमूर्ति एफ एम आई कलीफुल्ला की पीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था| लोढ़ा समिति ने चार जनवरी को बीसीसीआई प्रशासन में आमूलचूल बदलावों की सिफारिश की थी|

मार्च में शुरू हुई इस सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों को लागू करने पर ऐतराज जताया था| जिनमें एक राज्य एक वोट, पदाधिकारियों की उम्र और कार्यकाल से संबंधित सिफारिशें ही प्रमुख थीं|

लोढ़ा समिति की प्रमुख सिफारिशें

  • प्रत्येक राज्य की एक एसोसिएशन को पूर्ण सदस्य बनाया जाये और सिर्फ उसे ही वोट करने का अधिकार हो|
  • रेलवे, सर्विसेज़ और यूनिवर्सिटीज़ की मान्यता घटाकर उन्हें सहयोगी सदस्य बना दिया जाए।
  • आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग काउंसिल हों तथा आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को सीमित अधिकार दिए जाएं
  • बीसीसीआई पदाधिकारियों में मंत्री या सरकारी अधिकारी को न लिया जाये|
  • बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी को लगातार दो से ज़्यादा कार्यकाल नहीं दिए जाने चाहिए।
  • नवंबर, 2015 में आईपीएल के सीओओ पद से इस्तीफा देने वाले सुंदर रमन को क्लीन चिट
  • समिति ने इन-बिल्ट मैकेनिज़्म तैयार कर सट्टेबाज़ी को वैध किए जाने की सिफारिश की है।
  • खिलाड़ियों की एसोसिएशन के गठन तथा स्थापना का भी प्रस्ताव किया गया है।
  • समिति ने एक स्टीयरिंग कमेटी बनाए जाने की सिफारिश की है, जिसकी अध्यक्षता गृहसचिव जीके पिल्लै करेंगे, तथा मोहिन्दर अमरनाथ, डायना एदुलजी तथा अनिल कुंबले उसके सदस्य होंगे।
  • बीसीसीआई को सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में लाया जाना चाहिए।
  • बीसीसीआई के क्रिकेट से जुड़े मामलों का निपटारा सिर्फ पूर्व खिलाड़ी ही करें, जबकि अन्य मसलों पर छह सहायक प्रबंधक तथा दो समितियों की मदद से सीईओ फैसला करे|

 

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