देवबंद में एटीएस का छापा, म्यांमार का युवक गिरफ्तार

नीरज कुमार सिंघल

लखनऊ। एटीएस की कार्रवाई के बाद भी सहारनपुर के कस्बा देवबंद में फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनाने का अवैध धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। देर रात देवबंद में फर्जी तरीके से रह रहे म्यांमार का संदिग्ध युवक भी पकड़ा है।

एटीएस का छापा

युवक फर्जी पासपोर्ट बनवाने की फिराक में था। युवक की गिरफ्तारी के बाद तहसील और कोतवाली के निकट पासपोर्ट बनाने वालों में हड़कंप मच गया और वह अपने प्रतिष्ठान बंद कर इधर-उधर हो लिए।

उधर, पुलिस को तलाशी दौरान उसके पास से मणिपुर का बना आधार कार्ड समेत फर्जी पतों पर बने कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपी शरणार्थी बनकर मणिपुर में आया था। उसके बाद फर्जी कागज बनवाने के लिए देवबंद पहुंचकर रहने लगा था।

देवबंद निवासी जुनैद खान ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया था। पासपोर्ट बनवाने के लिए जो अभिलेख जमा किए गए थे. उसकी जांच के लिए एलआईयू की टीम देवबंद पहुंची।

जांच पड़ताल में दर्शाए गए पते पर जुनैद खान नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। शक होने पर खुफिया विभाग ने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि जुनैद मोहल्ला खानकाह में रहता है।

पुलिस ने साक्ष्यों का संकलन करने के बाद शनिवार को मोहल्ला खानकाह स्थित अहसान मंजिल में छापा मारकर आरोपी को दबोच लिया। तलाशी लेने पर उसके पास से संदिग्ध आधार कार्ड आदि दस्तावेज मिले। जिन्हें पुलिस ने कब्जे में ले लिया।

बताया जा रहा है कि आरोपी अहसान मंजिल में वर्ष 2008 से रह रहा था। पुलिस के अनुसार आरोपी के पास से एक आधार कार्ड एवं उसकी फोटो स्टेट कॉपी समेत कई फर्जी पतों पर बने दस्तावेज बरामद हुए हैं। जबकि आधार कार्ड मणिपुर से बना हुआ बताया गया है। जिस पर जुनैद खान पुत्र हुसैन खां नाम लिखा है।

पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया युवक जुनैद खान किराम कंडेल थाना कावकाव जिला अकबिव स्टेट अर्किन म्यांमार (बर्मा) का है। आरोपी फर्जी कागजातों के आधार पर पॉसपोर्ट बनाने की कोशिश में था।

पुलिस ने मामले की जानकारी एटीएस को दे दी है। फिलहाल, खुफिया विभाग की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है।

पालिका सभासद की भूमिका संदिग्ध

पकड़े गए युवक के इरादे क्या थे इस बारे में पुलिस और खुफिया विभाग पता करने में जुटी है। पुलिस इस मामले में नगरपालिका के एक सभासद की भूमिका संदिग्ध मान रही है। सीओ सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि पकड़े गए युवक से पूछताछ की जा रही है।

पासपोर्ट बनवाने का प्रयास कर रहा था

एसपी देहात विद्या सागर मिश्रा का कहना है कि पकड़ा गया युवक वर्मा से शरणार्थी बनकर मणिपुर में आया था। अब फर्जी कागजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने का प्रयास कर रहा था। फर्जी कागज बनवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मामले की जानकारी एटीएस को दे दी है।

बता दें बीते वर्ष अगस्त माह में मुजफ्फरनगर क्षेत्र के गांव कुटेसरा से बांग्लादेशी अबदुल्ला को फर्जी दस्तावेजों पर बनवाए गए पासपोर्ट समेत अन्य फर्जी दस्तावेजो के साथ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद एटीएस ने एक के बाद एक कर क्षेत्र से पांच बंगलादेशी समेत देवबंद के मोहल्ला किला समेत दो अन्य लोगों को जनवरी माह में गिरफ्तार किया था।

लेकिन अभी भी फर्जी दस्तावेजो पर पासपोर्ट बनवाने वालो का धंधा कई गिरफ्तारियों के बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अबदुल्ला का पासपोर्ट बनवाने वाला एजेंट पुलिस की पकड़ से दूर है.

एटीएस और पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह अबदुल्ला का पासपोर्ट बनाने वाला धड़ल्लें से बनवा रहा हैं, जिसके चलते एटीएस और पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया जाने लगा है.

जबकि अबदुल्ला के पासपोर्ट के दस्तावेजो को क्लीयर बताने वाले एसआई नासिर हुसैन और मुंशी सतीश जांच की प्रक्रिया से अभी तक गुजर रहे हैं।

हालांकि, पुलिस सूत्रों की माने तो एसआई नासिर हुसैन को पुलिसिया जांच में क्लीनचिट भी मिल गई है। लेकिन अबदुल्ला का पासपोर्ट बनवाने वाले एजेंट का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है।

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जिस पर एटीएस और पुलिस हाथ डालते हुए भी किन कारणों से डर रही है। यह पहली बना हुआ है, जबकि पिछले नौ माह पूर्व एटीएस अबदुल्ला और उसके साथियों को सलाखों के पीछे भेज चुकी है।

इतना ही नहीं उसके बाद नगर के कई पासपोर्ट एजेंट भी जेल जा चुके हैं। जिनमें से अभी तक बीते दो जनवरी से गिरफ्तार अहसान और वसीम अहमद जेल की सलाखों के पीछे हैं। जिनपर बंगलादेशी युसूफ का फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनवाने का आरोप है। युसूफ को एटीएस ने गाजियाबाद के थाना मुरादनगर के गांव कुर्सी से गिरफ्तार किया था।

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आखिर क्या कारण है कि पुलिस आसपास के सभी क्षेत्रों में छापेमारी कर लेती है। लेकिन अबदुल्ला का पासपोर्ट बनावाने वाले चर्चित एजेंट को गिरफ्तार ही नहीं उसके यहां निरीक्षण को भी नहीं जाती। जिसके चलते अन्य दलालों के हौसलें बढ़ रहे हैं।

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