आत्मरक्षा से ज्यादा आत्महत्या के लिए हो रहा लाइसेंसी असलहों का इस्तेमाल । Crime
लखनऊ. आत्मरक्षा के नाम पर लाइसेंसी असलहा लेने का चलन काफी ज्यादा इन दिनों चलन में है। लोग स्टेटस सिंबल या फिर शौकिया तौर पर इन्हें ले रहे हैं। लेकिन मौजूदा समय में असलहों को लेकर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह चौंकाने वाले हैं। आत्मरक्षा के लिए लिए जाने वाले असलहे आजकल आत्महत्या के लिए ज्यादा इस्तेमाल किए जा रहे हैं। वहीं कुछ अन्य मामलों में इन असलहों का इस्तेमाल हत्या के लिए भी किया जा रहा है। इस साल की ही बात हो तो राजधानी में एक दर्जन से भी अधिक मामले अभी तक ही ऐसे सामने आ चुके हैं हत्या या आत्महत्या में इन असलहों का इस्तेमाल हुआ। जबकि आत्मरक्षा में इन असलहों से एक भी फायर नहीं हुआ।
राजधानी लखनऊ में 1 लाख से अधिक लोगों के पास में लाइसेंसी असलहे हैं। वहीं हजारों की संख्या में लाइसेंस के आवेदन अभी भी लंबित पड़े हुए हैं। आवेदन के दौरान हर व्यक्ति असलहे की जरूरत आत्मरक्षा के लिए ही बताता है। लेकिन सच्चाई यह नहीं होती है। लोग स्टेटस सिंबल या फिर शौकिया तौर पर यह असलहे लेते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि असलहों से आत्मरक्षा के लिए गोली चलाने की नौबत ही कभी नहीं आती। लेकिन इनके दुरुपयोग की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। अक्सर लाइसेंस धारी के घर में अवसाद के चलते कई बार कोई सदस्य असलहे से आत्महत्या कर लेता है।
लाइसेंस के आवेदन के दौरान एक कॉलम में इसे रखने का सुरक्षित स्थान भी बताना होता है, जिसमें लोग लॉकर या अलमारी लिख देते हैं। लेकिन जब घटनाएं होती है तब समझ में आ जाता है कि असलहा कितनी सुरक्षित जगह पर रखा हुआ था।