AMU पैनल में थे जाकिर लेकिन कुलपति ने कहा उनसे हमारा नाता नहीं
अलीगढ़| मुस्लिम धर्म प्रचारक जाकिर नाइक के तार यूपी की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़े होने की बात सामने आई है| खुलासा हुआ है कि जाकिर नाइक एएमयू के ‘यूनिवर्सिटी कोर्ट’ के मेंबर के तौर पर काम कर चुके हैं| एएमयू कोर्ट को यूनिवर्सिटी की सुप्रीम बॉडी माना जाता है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी अहम फैसले यही पर होते हैं|
ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद इस्लामिक उपदेशक नाइक चर्चा में आए थे। उन पर विवादित स्पीच देने का आरोप है। भारतीय खुफिया एजेंसियां इन दिनों उनकी गतिविधियों की जांच कर रही हैं।
जून 2013 में बने थे मेंबर
जाकिर नाइक को जून 2013 में यूनिवर्सिटी कोर्ट के ‘रेप्रिजेंटटिव ऑफ मुस्लिम कल्चर एंड लर्निंग’ के रूप में शामिल किया गया था। बीते 11 जून को उनकी सदस्यता खत्म हुई है। यह भी पता चला है कि अपने तीन साल के कार्यकाल में वह कभी भी अलीगढ़ नहीं आए।
इसलिए चुने गये
एएमयू के वीसी लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह की मानें तो वह कभी भी जाकिर से नहीं मिले| वह उनकी बातों से इत्तेफाक भी नहीं रखते| उनका नाम सिर्फ इसलिए आगे बढाया गया क्योंकि वह पढ़े-लिखे हैं।
हुआ था फैसले का विरोध
एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी मुस्तफा जैदी की माने तो जाकिर को इस पैनल में शामिल किये जाने पर कई लोगों ने इसका विरोध किया था|