AMU के डॉक्टरों ने मरीज़ को बेहोश किए बग़ैर मस्तिष्क से निकाला ट्यूमर, इस प्रकार का है ये पहला ऑपरेशन !

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंव हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एनेस्थीसिया दिए बगैर एक मरीज़ के मस्तिष्क से ट्यूमर को निकालने में सफ़लता हासिल की है |

ट्यूमर मस्तिष्क में उस जगह था जहां से संवाद का नियंत्रण होता है | कासगंज निवासी मरीज़ राजपाल अब पूरी तरह से स्वस्थ है |

बीते 4 महीने से मरीज़ राजपाल के पड़ रहे थे दौरे, इस ऑपरेशन की खास बात ये रही कि मस्तिष्क से ट्यूमर निकाले जाने के दौरान मरीज़ डॉक्टरों से लगातार बातें करता रहा | एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इस प्रकार का पहला आपरेशन इस हॉस्पिटल में किया है|

डॉ. रमन ने बताया कि मरीज़ राजपाल कासगंज जनपद से इलाज कराने आए थे | उनके सर के बायीं तरफ ये ट्यूमर था | हमारे दिमाग में जहां बोलने व समझने की शक्ति होती है उस जगह पर ये ट्यूमर फैला हुआ था |

कई जगह ये लोग इलाज कराने गए मगर ऑपरेशन में काफी ख़र्चे को देखते हुए ये सरकारी हॉस्पिटल में आए। ऑपेरशन के दौरान इनकी सोचने समझने की शक्ति के जाने का बहुत खतरा बना हुआ था |

इसीलिए हमने और एनेस्थीसिया की टीम ने मरीज़ से बातें करते करते ऑपेरशन को अंजाम दिया | मरीज़ से ऑपेरशन के दौरान गिनती गिनवाई गई | जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इस प्रकार की ये पहली सर्जरी की गई है |

 

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इस प्रकार के ऑपरेशन को अवेकटोनॉमी कहते हैं | हम ऑपेरशन के दौरान सिर्फ यही चाहते थे कि मरीज़ डॉक्टर की कमांड को फॉलो करता रहे |

क्योंकि क्लॉड जिस जगह पर था उस जगह से सोचने अमझने के साथ ही बातों का आदान-प्रदान किया जाता है | हमने मरीज़ को एनेस्थीसिया दिया |

उसके बाद बीच आपरेशन के दौरान हमने मरीज़ को वापस जगा दिया | ये इस आपरेशन में अलग सी चीज़ है | अलीगढ़ के आस पास के रीजन में इस प्रकार की सर्जरी पहली बार हुई है |

मरीज़ ने बताया कि उनके सर का आपरेशन हुआ था | इस दौरान वह बात कर रहे थे | मगर कुछ समय बाद उन्हें कुछ याद नहीं है | ऑपेरशन के दौरान वह क्या बात कर रहे थे ये मरीज़ को याद नहीं है | लेकिन अब तबियत पहले के मुकाबले ठीक है |

राजपाल के बेटे ने बताया कि एक वर्ष पूर्व एक सड़क हादसे में उनके पिता के सर में चोट लग गई थी | इस दौरान सर में ब्लड क्लोटिंग हो गयी थी |

जब डॉक्टर को बताया गया तो उन्होंने कहा कि ये अपने आप ठीक हो जाएगी | मगर धीरे-धीरे 2.5 से 8 एमएम की क्लोटिंग सर में हो गयी | जिसके बाद एएमयू में पिताजी को लेकर आयें और इलाज किया गया ज्सिके बाद अब वे ठीक हैं |

 

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