तालिबानी शासन में महिलाओं के लिए यह रहे हैं नियम, नहीं है इन चीजों की इजाजत

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के कब्जे के साथ ही हजारों की संख्या में लोगों ने देश छोड़ना शुरु कर दिया है। इसमें ज्यादातर लोग वह शामिल है जो तालिबान के कठोर और क्रूर शासन से डरे हुए हैं। खुद तालिबानी नेता भी कह चुके हैं कि अफगानिस्तान आगे लोकतंत्र नहीं रहेगा, बल्कि इसे इस्लाम में शरिया कानून के तहत चलाया जाएगा। तालिबान के इस ऐलान का यह डर महिलाओं में भी देखा गया है। हालांकि इस बीच कट्टरपंथी संगठन का कहना है कि वह कई मामलों में महिलाओं के लिए छूट को बढ़ाएगा।

तालिबानी कानून के अनुसार महिलाएं घर से बाहर निकल सकती है। हालांकि वह अकेले नहीं जाएंगी। बाजार या कहीं और जाते समय उनके साथ घर का एक पुरुष सदस्य भी साथ होना चाहिए। पुरुष सदस्य चाहे कोई बच्चा हो या वयस्क उसे साथ होना आवश्यक होगा।

बाहर अकेले नहीं जा सकेंगी महिलाएं

अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के आगमन(तकरीबन 20 साल पहले तक) तालिबान शासन ही था। इस दौरान नियमों के तहत महिलाएं अधिकतर घरों में कैद रहती थीं। जिससे उन्हें घर के बाहर दोस्तों से मिलने के मौके कम ही मिले। उधर पुरुष मित्रों की बात हो तो महिलाओं को 12 साल के ऊपर के लड़कों और परिवार के बाहर के आदमियों से मिलने की बिल्कुल इजाजत नहीं है।

गायन और नृत्य में शामिल नहीं हो सकती महिलाएं

तलिबान के पिछले शासन में महिलाओं के लिए शिक्षा की मंजूरी थी। लेकिन उन्हें ऐसे सामान्य स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों में जाने की इजाजत नहीं थी जहां पुरुष भी पढ़ते हों। यही नहीं शरिया के तहत उन्हें गायन की भी मनाही है। तालिबान ऐसी महिलाओं को सख्त सजाएं देने के लिए जाना जाता है।

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