भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी, क्यों नहीं है हमारी राष्ट्रभाषा….

भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी पहले नंबर पर है। 2011 के जनगणना के आधार पर भारतीयों भाषाओं के आंकड़े के अनुसार हिंदी को मातृभाषा के रूप में बताने वाले लोगों की संख्या में 2001 के जनगणना के मुकाबले में 2011 में बढ़ोतरी हुई है।

2001 में 41.03% लोगों ने हिंदी को मातृभाषा बताया था जबकि 2011 में इसकी संख्या बढ़कर 43.63% हो गई है। बांग्ला भाषा दूसरे नंबर पर बरकरार है वहीं, मराठी ने तेलुगू को तीसरे स्थान से अपदस्थ कर दिया है।

भाषा हिंदी

22 सूचीबद्ध भाषाओं में संस्कृत सबसे कम बोली जाने वाली भाषा है।

आज 21 फरवरी के दिन दुनिया भर में इंटरनेशनल मदर लैंग्वेज डे यानी अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मानाया जाता है।

विश्व में भाषाई व सांस्कृतिक विविधता व बहुभाषिता को बढ़ावा देने और विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से हर साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।

इस साल उन्नीसवें मातृभाषा दिवस की थीम- विकास, शांति और संधि में देशज भाषाओं के मायने है।

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता का प्रसार करना है।

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भाषा की मनुष्य के जीवन में अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व में बोली जाने वाली कुल भाषाएं लगभग 6900 है। इनमें से 90 फीसद भाषाएं बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है।

दुनिया की कुल आबादी में तकरीबन 60 फीसद लोग 30 प्रमुख भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से दस सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओं में जापानी, अंग्रेजी, रूसी, बांग्ला, पुर्तगाली, अरबी, पंजाबी, मंदारिन, हिंदी और स्पैनिश है।

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