84 कोसी परिक्रमा शुरू, धर्मानुयायियों ने लिया हिस्सा

84-kosi-parikrama_1461451773एजेंसी/ मनुष्य को भोग और मोक्ष देने वाली 84 कोसी परिक्रमा शनिवार को बस्ती जिले के मख क्षेत्र मखौड़ा से विशेष मुहूर्त में शुरू हुई। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जयकारा लगाते श्रद्धालु आगे बढ़ रहे थे। अयोध्या धर्मार्थ सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत गया दास की अगुवाई में शुरू हुई इस यात्रा में देश के कई प्रांतों के श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अयोध्या राज्य का विस्तार 84 कोसो में था। मान्यता है कि इस राज्य की परिक्रमा करने से मनुष्य की सभी कामनाओं की पूर्ति के साथ उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। शनिवार को सुबह पांच बजे शुभ मुहूर्त में शुरू हुई परिक्रमा में देश के हिंदू धर्मानुयायियों ने हिस्सा लिया। इस यात्रा का प्रारंभ और समापन मखोधाम में ही होता है।

ऐसी मान्यता है कि राजा दशरथ ने यहां पुत्रेष्ठि यज्ञ किया था। शृंगी ऋषि के आचार्यत्व में हुए यज्ञ में अग्निदेव ने स्वयं प्रगट होकर उन्हें खीर खीर प्रदान की थी, जिससे राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जैसे पुत्रों का जन्म हुआ था। इस परिक्रमा का मार्ग अंबेडकर नगर, फैजाबाद, बाराबंकी, गोंडा आदि जिलों से होकर गुजरता है। श्रद्धालु इस यात्रा को पूर्ण कर हर वर्ष पुण्य लाभ लेते हैं।शनिवार शाम को यात्रा का पहला पड़ाव रामरेखा मंदिर पर हुआ। रात्रि विश्राम के बाद रविवार की सुबह यह यात्रा दूसरे पड़ाव स्थल रामबाग चकोही के लिए निकलेगी। रामरेखा मंदिर के पुजारी दयाशंकर दास ने बताया कि परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए खाने पीने रहने तथा उजाले आदि की व्यवस्था कर ली गई है। किसी भी श्रद्धालु के सामने कोई परेशानी नहीं आने पाएगी।

इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या घटी
चौरासी कोसी परिक्रमा में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या कम हो गई है। इस परिक्रमा की अगुवाई कर रहे अयोध्या धर्मार्थ सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत गयादास ने बताया कि उज्जैन में चल रहे कुंभ मेले के कारण इस बार यात्रा में चार सौ के आस पास ही श्रद्धालु शामिल हो पाए हैं। दूसरे पड़ाव के बाद कुछ संख्या बढ़ सकती है। इसके पहले डेढ़ हजार से अधिक श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल हुआ करते थे।

श्रद्धालुओं की सेवा में आगे आए क्षेत्रीय लोग 
84 कोसी परिक्रमा के प्रथम पड़ाव स्थल रामरेखा मंदिर पर श्रद्धालुओं की सेवा में क्षेत्र के लोग भी आगे हैं। छावनी के प्रधान अजीत सोनी तथा अमोढ़ा के प्रधान लल्लू चौहान की तरफ से फल और दवा की व्यवस्था की गई है। टीम के साथ लोग श्रद्धालुओं की सेवा में लगे थे।

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