नवाज को घेरने आया भारत का ये दोस्त, कहा- पाकिस्तान नहीं आतंकिस्तान

नई दिल्ली। पाकिस्तान में नवम्बर महीने में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने वाले चार देशों में से एक अफगानिस्तान ने अपने संदेश में जिन कारणों का उल्लेख किए वे पाकिस्तान के लिए चुभने वाले है। अफगानिस्तान ने अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, लेकिन पाकिस्तान सरकार पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है। दक्षेस के अध्यक्ष नेपाल को भेजे गए संक्षिप्त संदेश में अफगानिस्तान ने पाकिस्‍तान को आतंकिस्‍तान कहा है। पत्र में अफगानिस्‍तान ने पाकिस्‍तान के द्वारा अपने ऊपर आंतक थोपने की बात कही गई। अब इसमें शायद ही कोई संदेह हो कि संदर्भ पाकिस्तान के लिए नहीं है।

दक्षेस

पत्र के हवाले से सूत्रों ने बताया कि यह उल्लेख किया गया कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी सम्मेलन में भाग नहीं ले पाएंगे क्योंकि ‘वह अफगानिस्तान पर थोपे गए आतंकवाद के परिणास्वरूप बड़े पैमाने पर हिंसा और संघर्ष से निपटने में व्यस्त होंगे।’

इस्लामाबाद में 9-10 नवम्बर को 19वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन सम्मेलन का आयोजन होने वाला है, लेकिन अब इसके होने के आसार न के बराबर हैं।

उड़ी में 18 सितम्बर को सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के मद्देनजर दक्षेस सम्मेलन में शिरकत नहीं करने के भारत की घोषणा के बाद अफगानिस्तान ने यह निर्णय किया।

उड़ी और गत 2 जनवरी को पठानकोट स्थित वायु सेना के अड्डे पर हमले के लिए नई दिल्ली ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर आरोप लगाया है।

अफगानिस्तान का यह फैसला उसके उप राष्ट्रपति सरवर दनेश के संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन के एक सप्ताह से कम समय में आया। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को संरक्षण व समर्थन देने का आरोप लगाया था।

भारत के तूफानी कूटनीतिक हमले के बाद पाकिस्तान क्षेत्र में लगभग अलग थलग पड़ने लगा है। कारण के रूप में आतंकवाद को बढ़वा देने का उल्लेख करते हुए भारत के साथ भूटान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने जा रहे हैं।

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