7वें वेतन आयोग का केंद्र ने जारी किया नोटिफिकेशन

नई दिल्ली।आज केंद्र सरकार ने 7वें वेतन आयोग का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को अगस्त से ही बढ़ा हुआ वेतन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। कैबिनेट ने 29 जून को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी थी। अभी करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों को इससे लाभ होगा।

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नोटिफिकेशन के बाद ज्‍यादातर कर्मचारियों की जिज्ञासाओं का समाधान हो जायेगा। लेकिन फिर भी कुछ मसलों पर कर्मचारी संगठनों और सरकार में अभी बातचीत होनी है। इस सबके पीछे तृतीय और चतुर्थ श्रेणियों के कर्मचारियों की हड़ताल की धमकी के बाद सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग को स्वीकार कर करीब 33 लाख कर्मचारियों को लिखित में आश्वासन देना है। सरकार ने इसके लिए एक समिति के गठन की बात भी कही है, जो चार महीनों में सभी संबंधित पक्षों से बात करके अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार न्यूनतम वेतनमान को बढ़ाने का फैसला लेगी।

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान की खास बातें:

  1. आयोग ने कुल मिलाकर 196 वर्तमान भत्तोंन पर गौर किया और इन्हें तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य  से 51 भत्तोंल को समाप्ता करने और 37 भत्तोंा को समाहित करने की सिफारिश की है।
  2. कैबिनेट ने केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (सीजीईजीआईएस) में किए जाने वाले मासिक अंशदान में भारी वृद्धि करने की सिफा‍रिश को भी न मानने का निर्णय लिया है, जैसी कि आयोग ने सिफारिश की थी।
  3. कैबिनेट ने आवास निर्माण से जुड़ी अग्रिम राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने संबंधी आयोग की सिफारिश को भी मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों को कोई दिक्क0त न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 4 ब्या ज मुक्तर अग्रिमों को बरकरार रखा गया है, जिनमें चिकित्सा इलाज के लिए अग्रिम, टूर/स्‍थानांतरण के लिए टीए, मृतक कर्मचारियों के परिवार के लिए टीए और एलटीसी शामिल हैं। अन्यक सभी ब्यामज मुक्ता अग्रिमों को समाप्तो कर दिया गया है।
  4. रक्षा और संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कार्मिकों समेत विभिन्नस कर्मचारियों पर असर डालने वाले कुछ अन्यर निर्णय भी लिए गए हैं, जिनमें निम्नकलिखित शामिल हैं।
  • ग्रेच्युनटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है। जब भी डीए 50 प्रतिशत बढ़ जाएगा तब ग्रेच्युसटी की सीमा 25 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
  • असैन्य एवं रक्षा कार्मिकों के लिए अनुग्रह राशि एकमुश्त मुआवजे के भुगतान हेतु एक आम व्यवस्था की गई है, जो उनके परिजनों को देय होगा और इसके तहत वर्तमान दरों को विभिन्न श्रेणियों के लिए 10-20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25-45 लाख रुपये कर दिया गया है।
  • रक्षा बलों के कर्मियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए सैन्य सेवा वेतन की दरें 1000, 2000, 4200 एवं 6000 रुपये से संशोधित करके क्रमश: 3600, 5200, 10800 एवं 15500 रुपये कर दी गई हैं।
  1. कैबिनेट ने स्तनर 13ए (ब्रिगेडियर) के लिए सुव्यवस्थीकरण सूचकांक में वृद्धि कर और स्तमर 12ए (ले.कर्नल), 13 (कर्नल) और 13ए (ब्रिगेडियर) में अतिरिक्तत स्त़र (स्टेलज) सुनिश्चित करके रक्षा संबंधी वेतन संरचना को और बेहतर कर दिया है, ताकि संबंधित स्तरों के अधिकतम पायदान पर संयुक्त सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के समकक्षों के साथ समता लाई जा सके।
  2. वेतन वृद्धि की दर को 3 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। उच्च  मूल वेतन की बदौलत कर्मचारी भविष्यर में लाभान्वित होंगे, क्योंशकि भविष्या में उनके वेतन में जो वार्षिक वृद्धि होगी वह वर्तमान के मुकाबले 2.57 गुना ज्याकदा होगी।
  3. वेतन एवं पेंशन में संशोधन के उद्देश्या से 57 का फिटमेंट फैक्टनर वेतन संरचनाओं में शामिल सभी स्त रों पर लागू होगा। प्रचलित दर पर डीए को शामिल करने के बाद सभी सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/पेंशन में 1 जनवरी, 2016 को कम से कम 14.29 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हो जाएगी।
  4. न्यू,नतम वेतन को 7000 रुपये से बढ़ाकर 18000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। न्यू नतम स्ततर पर किसी भी नवनियुक्तक कर्मचारी का शुरुआती वेतन अब 18000 रुपये होगा, जबकि नवनियुक्ति ‘क्लाकस I’ अधिकारी का शुरुआती वेतन 56100 रुपये होगा। यह 1:3.12 के संकुचन अनुपात को दर्शाता है, जिससे यह पता चलता है कि सीधी भर्ती वाले किसी भी ‘क्लाेस I’ अधिकारी का वेतन न्यू्नतम स्त्र पर नवयनियुक्ति कर्मचारी के वेतन से तीन गुना अधिक होगा।
  5. सभी वर्तमान स्तंरों को नये ढांचे में समाहित कर दिया गया है। कोई नया स्तरर शुरू नहीं किया गया है और न ही किसी स्त र को हटाया गया है। वेतन संरचना के हर स्तगर पर न्यू्नतम वेतन तय करने के लिए सुव्यवस्थीकरण के सूचकांक को मंजूरी दी गई है, जो वरिष्ठता क्रम में हर कदम पर बढ़ती भूमिका, जिम्मेदारी और जवाबदेही पर निर्भर करता है।
  6. पे बैंड एवं ग्रेड पे की वर्तमान प्रणाली समाप्तर कर दी गई है और आयोग की सिफारिश के अनुरूप एक नई वेतन संरचना (पे मैट्रिक्सर) को मंजूरी दी गई है। अब से कर्मचारी के दर्जे का निर्धारण पे मैट्रिक्स में उसके स्तंर के आधार पर होगा, जबकि अभी तक ग्रेड पे के अनुसार इसका निर्धारण होता था। अलग-अलग वेतन संरचनाएं असैन्यर (सिविलयन), रक्षा कार्मिकों और सैन्य नर्सिंग सेवा के लिए तैयार की गई हैं। इन संरचनाओं के पीछे सिद्धांत और तर्क एक समान हैं।
  7. सातवें सीपीसी द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में इसकी सभी सिफारिशों पर अमल से अतिरिक्तत वित्तीवय बोझ 1,02,100 करोड़ रुपये का पड़ेगा। इसके अलावा वर्ष 2015-16 के दो महीनों के लिए वेतन एवं पेंशन से जुड़ी बकाया राशि के भुगतान हेतु 12,133 करोड़ रुपये का अतिरिक्ती बोझ वहन करना पड़ेगा।
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