40 पर पहुंच गया था ऑक्सीजन लेबल, डॉक्टरों ने संक्रमण की परवाह न करते हुए यूं बचाई जान

‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’ इस कहावत को एक बार फिर धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों और मरीज की हिम्मत ने चरितार्थ कर दिया है। रांची में तीन चिकित्सकों ने खुद संक्रमण का खतरा मोल लेकर कोरोना पीड़ित महिला की मौत को भी टाल दिया। बीमार महिला रांची के बहु बाजार की रहने वाली थी। जिसकी उम्र तकरीबन 57 वर्ष की थी। हालात खराब होने के चलते ही महिला पहले से ही ऑक्सीजन बेड पर थी। इसके बाद उसे मास्क वेल वेंटिलेटर पर डाल दिया गया। लेकिन फिर भी महिला का ऑक्सीजन लेबल गिरता जा रहा था।

महिला का ऑक्सीजन लेबल 40 पर पहुंच गया। इसके बाद महिला का एबीजी टेस्ट करवाया गया तो पता लगा स्थिति बेहद खराब है। मामले की जानकारी मिलने के बाद आईसीयू के चिकित्सकों का पैनल चर्चा के लिए बैठा। इस पैनल ने बेहद ही कठिन फैसला लिया। तय हुआ की महिला के मुंह के रास्ते से ट्यूब डालकर इनवेसिव वेंटिलेटर पर डाला जाए। इस विधि को अस्पताल में पहले कभी नहीं अपनाया गया था। लिहाजा उच्चाधिकारियों की अनुमति की भी जरूरत महसूस हुई। इस बीच महिला की स्थिति लगातार बिगड़ रही थी। ऐसे में आईसीयू में तैनात चिकित्सक डॉ. राजकुमार, डॉ. अजीत कुमार और डॉ. विकास वल्लभ में औपचारिकताएं और जान को जोखिम में डाल सभी प्रक्रिया पूरी की। जिसके बाद महिला का ऑक्सीजन लेवल 93 पर पहुंचा और अब उसकी हालत स्थिर बनी हुई हैं।

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