इस वित्तीय वर्ष में 2,000 के नोट की लागत घट कर 3.53 रुपये रह गई, डॉलर के मुकाबले 15 पैसे मजबूत हुआ रुपया

दो हजार रुपये के नोटों की लागत में 65 पैसे की कमी आई है। मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी कि एक वित्तीय वर्ष के अंतर में 2,000 के नोट की लागत घट कर 3.53 रुपये रह गई है। इधर, डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे मजबूत हुआ है। मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 15 पैसे की मजबूती के बाद 68.51 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ।

2,000 के नोट

मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में बताया कि 2017-18 में 2,000 रुपये के नोट का विक्रय मूल्य 4.18 रुपये था जो 2018-19 में 3.53 रुपये रह गया। मालूम हो कि दो हजार रुपये के नोटों की छपाई भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की जाती है।

इसी प्रकार 500 रुपये के नोट का विक्रय मूल्य 2017-18 में 2.39 रूपए था जो 2018-19 में 2.13 रुपये रह गया। ठाकुर ने बताया कि 2016-17 और 2017-18 (जुलाई-जून) में करेंसी नोटों की छपाई पर हुआ खर्च क्रमश: 79.65 अरब रूपए और 49.12 अरब रूपए था।

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डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे मजबूत

वैश्विक बाजार में डॉलर की मांग कमजोर रहने से मंगलवार को रुपये में बढ़त दिखी। मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 15 पैसे की मजबूती के बाद 68.51 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ। क्रूड कीमतों में उछाल और वैश्विक बाजार में तेजी की उम्मीदों के कारण अमेरिकी डॉलर पर दबाव बढ़ा।

कारोबार की शुुरुआत में रुपया गिरकर 68.84 के स्तर पर चला गया था, लेकिन बाद में इसमें सुधार आया। एक दिन पहले सोमवार को भारतीय मुद्रा में 24 पैसे की बड़ी गिरावट दिखी थी। इस दौरान सरकार की 10 वर्षीय बांड यील्ड 6.59 फीसदी के स्तर पर रही।

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