अभी नहीं दूर होगी मोदी की मुसीबत, RBI  ने खड़े किए हाथ, सामने आई नोटबंदी से बड़ी चुनौती

1800नई दिल्‍ली। 500 और 1,000 रुपये के अमान्य हो चुके नोटों को नष्ट करने में आरबीआई को एक साल से ज्यादा का वक्त लगेगा। एक अनुमान के मुताबिक आरबीआई को 1800 करोड़ से ज्यादा नोटों को नष्ट करना होगा।

नोटबंदी के बाद आरबीआई जल्द से जल्द कैश की किल्लत को दूर करने की चुनौती से जूझ रहा है। आरबीआई के सामने नए नोटों की प्रिंटिंग और सप्लाइ की ही चुनौती नहीं है, अमान्य करार दिए गए नोटों को नष्ट करना भी चुनौती है।

RBI के श्रेडिंग सेंटरों (जहां चलन से बाहर हो चुके नोटों के कतरन किए जाते हैं) तक पुराने नोटों को पहुंचाया जा रहा है। महाराष्ट्र में मुंबई, बेलापुर और नागपुर के आरबीआई के केंद्रों में पुराने नोटों को कतरने का काम जारी है।

1800 करोड़ बड़ी चुनौती 

आरबीआई के करंसी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के एक अफसर ने पहचान गुप्त रखे जाने के शर्त पर बताया कि अकेले मुंबई से ही श्रेडिंग सेंटर्स पर पुराने नोटों से भरे 70 हजार से 80 हजार बोरे भेजे जाने की संभावना है।

अधिकारी ने बताया कि हम ये नहीं मानते कि अमान्य हो चुके सारे नोट आरबीआई के पास आ जाएंगे। लेकिन उनमें से 70 प्रतिशत भी श्रेडिंग के लिए आए तो ये 1800 करोड़ से ज्यादा नोट होंगे। आरबीआई से जुड़े अफसर न बताया कि चलन से बाहर हो चुके नोटों को श्रेडिंग सेंटर्स तक लाने का काम 14 नवंबर से ही शुरू हो गया। इन नोटों को नष्ट करने की प्रक्रिया भी करीब तभी शुरू की गई।

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में एक हजार के 62.5 करोड़ नोट और 500 के 280 करोड़ नोट नष्ट किए गए थे। ज्यादा कटे-फटे नोटों को भी आरबीआई नष्ट करता है। मार्च 2016 तक 1,000 रुपये के 632 करोड़ नोट चलन में थे जबकि 500 रुपये के ऐसे नोटों की तादाद 1570 करोड़ रुपये थी। अब इन नोटों को नष्ट करना आसान काम नहीं है।

आरबीआई के पास करीब 40 वेरिफाइंग और श्रेडिंग मशीनें हैं। देशभर में 19 जगहों पर आरबीआई के श्रेडिंग सेंटर हैं। श्रेडिंग मशीनों का जापान या जर्मनी से आयात किया गया है। एक श्रेडिंग मशीन एक घंटे में ज्यादा से ज्यादा 2,50,000 नोट नष्ट कर सकती है। अधिकारी ने बताया कि सभी 40 मशीनें एक साथ काम करें तब भी बहुत समय लगेगा। हो सकता है कि कुछ मशीनें काम करने की स्थिति में न हों।

 

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