168 रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेजने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

जम्मू में हिरासत में लिए गए 168 रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट का कहना है कि रोहिंग्याओं को नियत प्रक्रिया का पालन किए बिना म्यांमार नहीं भेजा जाएगा। सभी को होल्डिंग सेंटर में रहना होगा। बता दें कि कुछ रोहिंग्या लोगों की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने मांग की थी कि इन लोगों को रिहा कर भारत में ही रहने दिया जाए। जिसका केंद्र सरकार ने कड़ा विरोध किया था।

प्रशांत भूषण का कहना था कि होल्डिंग सेंटर में रखे गए इन लोगों को भारत से वापस न भेजा जाए। साथ ही, भारत में रह रहे सभी रोहिंग्याओं को शरणार्थी का दर्जा दिया जाए। आगे उन्होंने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं कि रोहिंग्या लोग भारत की सुरक्षा को खतरा पहुंचा रहे हैं।

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जबकि मांग का विरोध करते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय समझौते के आधार पर वह फैसला आया, भारत ने उस पर दस्तखत नहीं किए हैं। भारत सरकार ने अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हित के आधार पर कई अंतर्रराष्ट्रीय समझौतों से दूरी रखी है।भारत सरकार की म्यांमार सरकार से बातचीत जारी है। म्यांमार सरकार की पुष्टि के बाद ही इन लोगों को वापस भेजा जाएगा।

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