उत्तराखंड में एक ही दिन में लगी 107 जगहों पर आग, भारी तबाही

राज्य में वनाग्नि से जंगलों की तबाही का सिलसिला जारी है। वन आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले कई दिनों में कुमाऊं में तबाही के बाद अब गढ़वाल क्षेत्र में वनाग्नि ने जोर पकड़ लिया है। आंकड़ों के मुताबिक सोमवार सुबह से चौबीस घंटे में पूरे राज्य में 107 जगहों पर जंगलों में लगी आग ने तबाही मचायी है।
107 जगहों पर आग

अकेले गढ़वाल मंडल में ही 79 जगहों पर लगी आग से भारी नुकसान हुआ। जबकि कुमाऊं में स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है और पिछले चौबीस घंटे के भीतर क्षेत्र में आग लगने की कुल 20 घटनाएं हुई। इसके अलावा राज्य के वन्यजीव अभ्यारण्यों में भी आठ जगहों पर आग लगने की घटनाएं हुईं।

कुमाऊं में बारिश से थोड़ी राहत

कुमाऊं क्षेत्र के पर्वतीय इलाकों में हुई बारिश से थोड़ी राहत मिल गई। वहां एक दिन पूर्व आग ने जमकर तबाही मचायी थी। अब तक हुई कुल 46 घटनाओं में छह वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। वन आपदा प्रबंधन विभाग के अफसरों के मुताबिक आग से अब 1044.035 हेक्टेयर वन को नुकसान पहुंचा है। जबकि वन विभाग को अब तक 17,13,411 रुपये का नुकसान हो चुका है। दूसरी ओर वनाग्नि पर काबू पाने को लेकर वन आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों ने पूरी ताकत झोंक दी है।

आला अधिकारियों के आदेश पर वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी आग के लिहाज से संवेदनशील इलाकोें में दिन-रात गश्त कर रहे हैं। वनाग्नि की घटनाएं न हो, इसके लिए जंगलोें के आसपास रहने वाले लोगों को क्या करें, क्या न करें की भी जानकारी दी जा रही है। ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि यदि आग लगने की जानकारी मिले तो तत्काल इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को दी जाए ताकि समय रहते उस पर काबू पाया जा सके।

धधकते जंगल छोड़ विदेश यात्रा पर गए आला वनाधिकारी

वनाग्नि से राज्य के जंगल तबाह हो रहे हैं। वहीं प्रमुख वन संरक्षक समेत वन विभाग के छह अफसर विदेश यात्रा पर लंदन और पौलेंड रवाना हो गए हैं। शासन की ओर से इन अफसरोें को विदेश जाने की अनुमति दे दी गई थी। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने अपना कार्यभार मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक रंजना काला को लिखापढ़ी में सौंपा है।

वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक विदेश यात्रा पर गए सभी अफसर भारतीय वन्यजीव संस्थान व जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन की ओर से आयोजित जू डिजाइन कांफ्रेंस में शिरकत करेंगे। साथ ही पौलेंड में आयोजित सेमिनार में भी शामिल होेंगे। जहां ये सभी भारत व नेपाल में बाघों के संरक्षण से जुड़े तमाम पहलुओं पर अध्ययन करेंगे।

अधिकारी 13 मई से लेकर 26 मई तक विदेश दौरे पर रहेंगे

वन विभाग के सूत्रों की मानें तो लंदन और पोलैंड की यात्रा पर गए वनाधिकारियों में प्रमुख वन संरक्षक जयराज के अलावा कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक डॉ.विवेक पांडे, पश्चिमी क्षेत्र के वन संरक्षक डॉ.पराग मधुकर धकाते, प्रभागीय वनाधिकारी नितीश मणि त्रिपाठी, जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ.दुष्यंत शर्मा, नैनीताल चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डॉ.हिमांशु पांगते शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक ये अधिकारी 13 मई से लेकर 26 मई तक विदेश दौरे पर रहेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य के जंगलो में आग लगी हुई है। सवाल उठता है कि जिन अधिकारियों पर जंगलों को बचाने की जिम्मेदारी है, वे जंगलोें को जलता छोड़कर कैसे विदेश चले गए? अधिकारियों को विदेश जाने की अनुमति देते समय इन पहलुओें पर विचार क्यों नही किया गया? इस संबंध में प्रमुख सचिव वन आनंदवर्धन व प्रमुख वन संरक्षक जयराज से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नही हो पाया।

1044.035 हेक्टेयर जंगल हो चुका राख

वनाग्नि से अब तक 1044.035 हेक्टेयर जंगल राख हो चुका है। घटनाओं में छह वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। छह वनकर्मी आग पर काबू पाते समय झुलसकर जख्मी हो चुके हैं। वन्यजीव अभ्यारण्यों में 46 घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे में तमाम आला अधिकारियों और पशु चिकित्साधिकारियों के विदेश दौरे पर जाने से सवाल खड़े हो रहे हैं।
LIVE TV