10 लाख लोगों की नौकरियां जाने का खतरा , ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री में तेजी से आई मंदी…

ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री मंदी का शिकार हो गई है जिसकी वजह से इस सेक्टर में करीब 10 लाख लोगों की नौकरियां जाने का खतरा पैदा हो गया है। वहीं द ऑटोमोटिव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) ने कहा कि ऑटो सेक्टर की मंदी यदि लंबे समय तक जारी रही तो छंटनी के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा। जहां ACMA ने इस मामले में सरकार से दखल देकर समूचे ऑटो सेक्टर के लिए 18 फीसदी की एक समान जीएसटी लगाने की मांग की है।

 

बतादें कि ऑटो सेक्टर पिछले 10 महीने से बिक्री में लगातार गिरावट का सामना कर रहा हैं। लेकिन बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, ACMA के अध्यक्ष राम वेंकटरमानी ने हालात को ‘अभूतपूर्व’ बताते हुए कहा कि पिछले कई महीनों से वाहनों की बिक्री में गिरावट जारी है और इससे कम्पोनेंट सेगमेंट पर तगड़ी चोट पड़ रही है।

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खबरों के मुताबिक ऑटो पार्ट्स या कम्पोनेंट इंडस्ट्री तभी फल-फूल सकती है, जब वाहनों की बिक्री में लगातार इजाफा होता रहे. लेकिन वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट से ऑटो कंपनियों को अपने उत्पादन में 15 से 20 फीसदी की कटौती करनी पड़ रही है.

वेंकटरमानी का कहना हैं की यह ट्रेंड यदि जारी रहा तो कंपनियां छंटनी को मजबूर होंगी और करीब 10 लाख नौकरियां जा सकती हैं. उन्होंने बताया कि कम्पोनेंट इंडस्ट्री में करीब 70 फीसदी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर होते हैं। इसलिए जब भी मांग में गिरावट आती है, कर्मचारियों की संख्या घटा दी जाती है।

जहां उन्होंने कहा कि मांग में कमी, BS IV से BS VI उत्सर्जन मानक में बदलाव के लिए निवेश की जरूरत, इलेक्ट्रिक वाहनों की नीति पर सष्टता का अभाव आदि से ऑटो उद्योग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित है और उसने भविष्य की सभी निवेश योजनाओं को रोक दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में तत्काल दखल देने की जरूरत है।

सरकार को समूचे ऑटो और ऑटो कम्पोनेंट सेक्टर में एक समान 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने की जरूरत है. अभी करीब 70 फीसदी ऑटो कम्पोनेंट पर 18 फीसदी और 30 फीसदी कम्पोनेंट पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है.

देखा जाये तो देश के ऑटो सेक्टर की बदहाल हालत फिलहाल सुधरती नहीं दिख रही है. घरेलू यात्री कारों की बिक्री में पिछले कई महीने से गिरावट जारी है। जून महीने में भी इसमें 24.07 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली. यही नहीं, कुल वाहनों की बिक्री में भी 17 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दरअसल इस सेक्टर पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी के कारण उच्च लागत, कम मांग और पर्याप्त नगदी कमी इसका मुख्य कारण है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (एसआईएएम) के अनुसार, घरेलू बाजार में यात्री कार की बिक्री जून 2018 के दौरान बेची गई 183,885 कारों के मुकाबले 139,628 कारों पर आ गई है। लेकिन कुल मिलाकर, यात्री वाहन की बिक्री जून में 17.54 फीसदी घटकर 273,748 वाहनों के मुकाबले 225,732 वाहन रह गई है।

 

 

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