हो जाए सावधान, कहीं आपके हैंड सैनिटाइज़र में तो नहीं है ये ज़हरीला पदार्थ

पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान शहर में एक रहस्यमय संक्रमण के तौर पर शूरू हुए कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोना के पहले मामले को आए छह महीने बीत चुके हैं और दुनिया भर के वैज्ञानिक आज भी तेज़ी से फैलने वाली इस ख़तरनाक बीमारी की वैक्सीन और इलाज ढूंढने में दिन-रात एक कर रहे हैं। 

कोरोना वायरस से बचाव

क्योंकि इस बीमारी की न तो वैक्सीन है और न ही इलाज, इसलिए कोविड-19 कई मामलों में जानलेवा साबित हो रहा है। लोगों के पास इससे बचने के लिए एहतियात बरतने के अलावा कोई उपाय नहीं है। WHO ने भी इससे बचाव के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। जिसके अनुसार, दिन में कई बार हाथ धोना, बाहर जाने पर फेस मास्क, हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करना, लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखना और जितना हो सके घर में ही रहना। 

हैंड सैनिटाइज़र के साथ जानलेवा एक्सपेरीमेंट

हाल ही की रिपोर्टस के अनुसार, अमेरिका और मेक्सिको में हैंड सैनिटाइज़र को पी जाने से तीन लोगों की मौत और एक इंसान की आंखों की रौशनी जा चुकी है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक तीन लोगों की मौत ज़हरीले मीथानॉल की वजह से हुई। इनके अलावा तीन और लोग अपनी जान के लिए लड़ रहे हैं। मेक्सिको के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, तीनों लोगों ने हैंड सैनिटाइज़र पी लिया था, जिसमें मीथानॉल शामिल था।

हैंड सैनिटाइज़र के नुकसान

हैंड सैनिटाइज़र में मीथानॉल नाम का ज़हरीला पदार्थ मौजूद होता है, जिसकी वजह से कई तरह के ख़तरनाक साइड-इफेक्ट हो सकते हैं। जैसे- मतली आना, उल्टी, चक्कर आना, नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचना, धुंदला दिखाई देना, आंखों की रौशनी खोना, कोमा, और यहां तक की जान भी जा सकती है। कई बार मीथानॉल युक्त सैनिटाइज़र हाथ पर लगाना भी ख़तरनाक साबित हो सकता है। इसलिए कोई भी हैंड सैनिटाइज़र लेने से पहले उसकी मौजूद साम्रगी के बारे में ज़रूर पढ़ लें। 

ये समझना ज़रूरी है कि हैंड सैनिटाइज़र से बेहतर है कि दिन में कई बार हाथों को पानी और साबुन से कम से कम 20 सेकेंड के लिए धोएं। हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब हाथ धोने के लिए साफ पानी या साबुन उपलब्ध न हो। इसके अलावा हैंड सैनिटाइज़र खरीदते वक्त उसकी एक्सपाइरी डेट और उसमें मौजूद अल्कोहल का स्तर (कम से कम 60 प्रतिशत) ज़रूर चेक करें।

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