हिंदी सिनेमा के ये मशहूर कॉमेडियन करते थे बस में लोगों का मनोरंजन, किया बस कंडक्टर का काम
हिंदी सिनेमा में कॉमेडी का लोहा मनवाने वाले मशहूर कॉमेडियन जॉनी वॉकर की आज पुण्यतिथि है. उन्होंने करीब 300 फिल्मों में काम किया है और सभी में ज्यादातर कॉमेडी रोल्स किए हैं. अपनी परफेक्ट कॉमेडी टाइमिंग और जोरदार अभिनय से लोगों के दिलों में एक अलग ही जगह बना ली. हालांकि इससे पहले उन्होंने कई संघर्ष के दिन देखे. इसके बाद भी उन्होंने लोगों को हंसाया. आइए जानते हैं उनके इस अनोखे सफर के बारे में…
जॉनी वॉकर का असली नाम बदरूद्दीन जमालुद्दीन काजी था. वे पेशे से बस कंडक्टर थे. वे अपने घर में इकलौते कमानेवाले थे इसलिए उन्होंने मीलों चलकर आइस कैंडी, फल, सब्जियां, स्टेशनरी जैसे सामान खरीदे और बेचे. बस में कान करते हुए वे लोगों को अपने हुनर से हंसाया करते थे, इस उम्मीद से कि कभी कोई तो उन पर गौर करेगा. एक दिन किस्मत से उन्हें फिल्मों में काम करने का ऑफर मिला. उन्होंने उस ऑफर का फायदा उठाया और लोगों का भरोसा बनाए रखा.
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जॉनी वॉकर बॉम्बे इलेक्ट्रिक सप्लाई और ट्रांसपोर्ट बस सर्विस में काम करते थ और एक दफा बलराज साहनी ने उन्हें देख लिया. वे उस दौरान गुरु दत्त की फिल्म बाजी लिख रहे थे. इसके बाद साहनी ने जॉनी को गुरु दत्त से परिचित करवाया. दत्त साहब को भी जॉनी भा गए. फिर क्या था फिल्म में उनके लिए एक किरदार गढ़ा गया जिसे लोगों ने पसंद भी किया.
करियर की बात करें तो उन्हें मधुमती फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें शिखर फिल्म के लिए बेस्ट कॉमेडियन के अवॉर्ड से नवाजा गया. उन्होंने आर पार, टैक्सी ड्राइवर, देवदास, मिलाप, सीआइडी, नया दौर, कागज के फूल, दो रास्ते और आनंद समेत कई सारी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. 1997 में आई कमल हासन की फिल्म चाची 420 में भी वे नजर आए थे. 29 जुलाई, 2003 को मुंबई में उनका निधन हो गया.