Movie review: शायद दिल्‍लीवालों का ‘दर्द’ दूर कर दे हिन्‍दी मीडियम

हिंदी मीडियमफिल्म– हिंदी मीडियम

रेटिंग– 3½

सर्टिफिकेट– U/A

अवधि– 2 घंटा 30 मिनट

स्टार कास्ट– इरफान खान, सबा कमर, दीपक डोबरियाल और अमृता सिंह

डायरेक्टर– साकेत चौधरी

प्रोड्यूसर– टी-‍सीरीज

म्यूजिक– अमर मोहिले

कहानी– फिल्म की कहानी दिल्ली के चांदनी चौक में रहने वाले बिजनेसमैन राज बत्रा (इरफ़ान ख़ान) और उसकी पत्‍नी मीता (सबा कमर) के इर्द गिर्द घूमती है, जो अपनी बेटी बेटी पिया (दीक्षिता सहगल) का इंग्लिश मीडिश्‍म स्‍कूल में दाखिला कराना चाहते हैं। राज की चांदनी चौक में साड़ी और लहंगे की बड़ दुकान है जिसकी वजह से उन्‍हें पैसे की कोई कमी नहीं है। कहानी राज कई बार ये कहते नजर आते हैं कि ‘माय लाइफ इज हिन्दी बट माय वाइफ इज इंग्लिश।’ बेटी का इंग्लिश मीडियम स्‍कूल में दाखिला कराने के लिए दंपति काफी भागदौड़ करते हैं। कभी वह  खुद ट्रेंनिग लेते है ताकी बेटी के इंटरव्‍यू में पास हो सके तो कभी गरीब कोटे से बेटी का दाखिला कराने के लिए वह अमीर से गरीब बनकर भरतपुर में रखने लगते हैं। वहां उनकी मुलाकात श्याम प्रकाश (दीपक डोबरियाल) से होती है। बेटी के दाखिले की भागदौड़ और मुसीबतों का सामना करते हुए कहानी आगे बढकर अपने अंजाम तक पहुंचती है।

एक्टिंग– हमेशा की तरह इस फिल्‍म में भी इरफान अपनी जबरदस्‍त एक्‍टिंग से जान डाल देते है। उनकी एक्‍टिंग बिल्‍कुल नेचुरल नजर आती है। वह देसी दिल्‍लीवाले के किरदार में बेहद जच रहे हैं। सबा कमर की भी एक्‍टिंग काबिल-ए-तारीफ है। फिल्‍म में वह बेहद खूबसूरत नजर आई हैं। दीपक डोबरियाल अपनी उम्‍दा एक्‍टिंग की वजह से कई बार इरफान पर भारी पड़ते नजर आते हैं। इरफान और दीपक के साथ के सीन काफी मजेदार लगते हैं।

डायरेक्शन–  फिल्म का डायरेक्‍शन काफी अच्‍छा है। फिल्‍म के कछ सीन लॉजिक से परे नजर आते हैं। दिल्‍ली नर्सरी एडमिशन और देश में इंग्लिश के प्रभाव पर जबदरस्‍त मैसेज देती फिल्‍म से लोग काफी जुड़ पाते हैं। डायलॉग काफी मजेदार हैं।

म्यूजिक– फिल्म के गाने रिलीज से पहले ही लोगों के बीच काफी पसंद किए गए हैं। तैनु सूट सूट करदा और इश्क तेरा तड़पावे जैसे गाने काफी अच्‍छे हैं।

देखें या नहीं– इरफ़ान ख़ान और दीपक डोबरियाल की नेचुरल और जबरदस्‍त एक्टिंग और फिल्म की शानदार कहानी देखने सिनेमाघर जा सकते हैं।

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