हाजी अली में महिलाओं ने रखे कदम, बदला इतिहास

हाजी अलीमुंबई। हाजी अली दरगाह की मजार पर मंगलवार को पहली बार महिलाओं ने कदम रखे। दो साल तक चले लम्बे आंदोलन और कानूनी माथापच्ची के बाद आज महिलाओं को मजार पर कदम रखने का मौका दिया गया। इसी साल 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दरगाह में पुरुषों की ही तरह महिलाओं को भी जाने की इजाजत देने का फैसला सुनाया गया था।

दरगाह ट्रस्ट ने अदालती फैसले को मानने का एलान किया था। दरगाह के ट्रस्टी सुहैल खंडवानी ने कहा कि 24 अक्टूर को हमने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दिया गया था, हम उसका पालन कर रहे हैं और अब हम महिलाओं और पुरुषों के साथ ही एक जैसा बराबर व्यवहार करेंगे। फैसले पर अमल के लिए ट्रस्ट ने अदालत से 4 हफ्ते का समय मांगा था। इसके लिए पहले कुछ जरूरी इंतजाम करने का हवाला दिया गया था।

भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सह-संस्थापक नूरजहां साफिज नियाज ने कहा कि मंगलवार को देशभर की लगभग 80 महिलाएं दरगाह में जाकर हाजी अली को चादर और फूल चढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि हम शांति की दुआ करेंगे। नूरजहां ने कहा कि दरगाह ट्रस्ट ने महिलाओं और पुरुषों में फर्क न कर सबको मजार तक जाने की इजाजत का फैसला किया है। इससे महिलाओं में खुशी है।
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