हरदोई में सरकारी सिस्टम की उदासीनता के शिकार हो रहे सैनिक

REPORT-RAM SHRIVASTAV

एक तरफ सरकार सैनिकों के लिए तमाम योजनाएं बना रही है और उन्हे प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्रदान किए जाने के आदेश जारी करने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ हरदोई जिले में सैनिकों की दरकार आज भी कोई सुनने वाला नहीं है. जिले के सैनिकों की माने तो आलम उससे भी बदतर है वहीं एक बड़ा मुद्दा इस दौरान जिले के सैनिकों ने उठाया है वह जिले में सीएसडी कैंटीन बनाए जाने के आदेशों की अवहेलना का है. 2013 में जिले में सीएसडी कैंटीन व पॉलीक्लीनिक बनाए जाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने 1 एकड़ जमीन को आवंटित किया था लेकिन आज कई वर्ष बीत जाने के बाद भी जिले में सीएसडी कैंटीन नहीं बनाई जा सकी हालांकि पॉलीक्लिनिक बनाने का कार्य शुरू हो गया है.

 सिस्टम की उदासीनता

हरदोई जिले के सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय की स्थिति के साथ ही जिले में मौजूद हजारों सेवानिवृत्त व सेवारत सैनिकों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं मौजूद है देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले शहीदों के परिजनों को आम लोगों की भांति एक तराजू से तौलना जिम्मेदारों की उदासीनता को दर्शा रहा है सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 2013 में तत्कालीन जिलाधिकारी आनन्द कुमार द्विवेदी ने बावन रोड पर 1 एकड़ की जमीन पाली क्लीनिक व सीएसडी कैंटीन बनाए जाने के लिए आवंटित की थी लेकिन आज कई वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां कैंटीन का निर्माण नहीं कराया जा सका जिससे कि आज भी जिले में मौजूद करीब 6,000 से अधिक पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों को लखनऊ के चक्कर काटने पड़ते हैं जिनमें से कुछ सैनिक शारीरिक रूप से लखनऊ की दौड़ लगाने के लिए सक्षम नहीं है.

सैनिकों की मांग है कि हरदोई में 6000 पूर्व सैनिक और 10000 से जादा सेवारत सैनिकों व उनके परिजनों को देखते हुए यहां जल्द से जल्द सीएसडी कैंटीन बनाई जाए वही अशोक चक्र से सम्मानित कर्नल उदयवीर सिंह का घर भी यहीं है फिर भी आज सैनिकों का कल्याण नहीं हो पा रहा है कैंटीन बनाए जाने को लेकर हाल ही में उन्होंने निदेशालय से जिम्मेदारों को भी एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया लेकिन आज तक कोई भी जवाब नहीं आया.

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अध्यक्ष ने जानकारी दी कि हाल ही में रक्षा मंत्री ने एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की थी उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा था कि देश की रक्षा करने वाले वीरों को अपने घर आने का मौका साल में एक या दो बार ही मिल पाता है ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी समस्याओं व उनके परिजनों को दिक्कतों का अनावरण प्राथमिकता के आधार पर करें , अध्यक्ष अशोक अग्निहोत्री ने बताया कि आज कई वर्षों से जिले के सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र में कोई भी अधिकारी नही है कार्यालय मे किसी अधिकारी की तैनाती नही है साथ ही जिले में सैनिकों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाये जाने की मांगों को पूरा किए जाने की अपील की.

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