पवनपुत्र के इन मंत्रों से दूर हो जाएंगे आपके सारे कष्‍ट

हनुमान जीपवनपुत्र, रामभक्त, बालब्रह्मचारी, ना जाने और कितने नामों से हनुमान जी के भक्त उन्हें पुकारते हैं। सूर्यपुत्र शनि देव का क्रोध तो जगजाहिर है। शनि के बाद अगर किसी ग्रह से लोग भयभीत होते हैं तो वो है राहु-केतु, लेकिन ये दोनों ग्रह हनुमान से डरते हैं और कभी उनके आदेश को नजरअंदाज नहीं कर सकते इसलिए हनुमान के भक्तों को इनसे भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

हनुमान जी की कृपा से जुड़े चमत्‍कारों  के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन आज हम आपको पवनपुत्र हनुमान के कुछ विशेष मंत्रों से परिचित कराने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने जीवन के कष्‍टों को दूर करने के लिए बजरंगबली की कृपा के पात्र बन सकते हैं। प्रेत बाधा, बीमारी, किसी भी तरह का डर, दुश्मनों से बचाव या और भी कोई परेशानी हो इन सभी का निवारण है संकटमोचन हनुमान की उपासना और इन मंत्रों का जाप ।

हनुमान जी की कृपा पाने के उपाय

सर्वप्रथम स्‍नान आदि से निवृत्‍त हो पवित्र हों लें और हनुमान जी की प्रतिमा स्‍थापित करें। हनुमान जी के साथ ही भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्‍मण जी के चित्र वाली प्रतिमा भी अपने सामने रखें। अपने लिए शुद्ध आसन बिछाएं और पास में तांबे के लोटे में जल भर कर रख लें।

धूप-दीप जलाकर सबसे पहले श्री राम जी की पूजा करें तत्‍पश्‍चात हनुमान जी से पहले ही भूल चूक के लिए मांफी मांग ले। अब अपनी मनोकामना के लिए हनुमान जी से प्रार्थना करें और हनुमान जी का ध्‍यान करें।

इस मंत्र को पढ़ते हुए  का आवाह्न करें :

श्रीरामचरणाम्भोज-युगल-स्थिरमानसम् ।
आवाहयामि वरदं हनुमन्तमभीष्टदम् ॥

इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पित करें:

नवरत्नमयं दिव्यं चतुरस्त्रमनुत्तमम् ।
सौवर्णमासनं तुभ्यं कल्पये कपिनायक ॥

इस मंत्र को पढ़ते हुए अंजनीपुत्र को सिंदूर चढाएं:

दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम् ।
तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो ॥

राम भक्त हनुमान की पूजा करते समय इस मंत्र के द्वारा उन्हें पंचामृत चढ़ाएं :

मध्वाज्य – क्षीर – दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः ।
पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर ॥

हनुमानजी की पूजा करते हुए इस मंत्र को पढ़कर उनसे क्षमा-प्रार्थना करें:

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर ।
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ॥

बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें:

सुमिरि पवन सुत पावन नामू ।
अपने बस करि राखे रामू ॥

सभी तरह के रोग और पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें:

हनुमान अंगद रन गाजे ।
हांके सुनकृत रजनीचर भाजे ॥

नासे रोग हरैं सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा ॥

किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए इस मंत्र का जाप करें:

ॐ हनुमते नमः

धन- सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करें:

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन ।
शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो ॥

अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु इस मंत्र का जाप करें:

अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम ।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा ।।

दुश्मनों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करें:

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा ।

भूत-प्रेत बाधा से पीछा छुड़ाना हो तो हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करे:

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय ।
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः ।।

प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन ।
जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर ।।

हनुमान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते। राम का नाम लेने से, हनुमान चालीसा का पाठ करने से और पवनपुत्र को फल या बेसन से बने खाद्य पदार्थों का भोग लगाने से वह प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

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