भारत, लाओस ने की द्विपक्षीय रिश्तों समीक्षा की

वियनतियाने। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और लाओस के उनके समकक्ष सलेयूमक्से कोमासिथ की सह-अध्यक्षता में नौवीं संयुक्त आयोग की बैठक में शुक्रवार को यहां भारत और लाओस के द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “बैठक में भारत और लाओ पीडीआर (पीपल्स डेमोकेट्रिक रिपब्लिक) के संबंधों की समग्र समीक्षा की गई। बैठक में समस्त उपलब्धियों और विविध सहयोग कार्यक्रमों का जायजा लिया गया।”

मंत्रालय ने कहा, “बैठक में दोनों देशों के बीच भविष्य में सहयोग और द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने का रोड मैप तय किया गया।”

लाओस दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों का संगठन यानी आसियान का सदस्य है, जिसके साथ नई दिल्ली की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत सक्रिय भागीदारी है।

सुषमा स्वराज का लाओस का दो दिवसीय आधिकारिक दौरा गुरुवार को शुरू हुआ।

उनके साथ विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल और साथ ही मीडिया के कुछ लोग भी लाओस के दौरे पर गए हैं।

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संयुक्त आयोग की बैठक से पहले सुषमा स्वराज ने लाओस के प्रधानमंत्री थोंगलोन सिसोलीथ से मुलकात कर द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हितों व सहयोग के विविध मसलों पर बातचीत की।

मंत्रालय के बयान के अनुसार, सुषमा स्वराज ने सिसोलीथ को आश्वासन दिया कि भारत विकास व संवृद्धि को लेकर लाओस के इरादे में उसका सहयोग करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत सॉफ्ट लोन (कम ब्याज दर या लंबी अवधि में भुगतान किया जाने वाला कर्ज) के जरिए लाओस में सड़क, कृषि, सिंचाई, सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन व अन्य क्षेत्र समेत बुनियादी ढांचा निर्माण में मदद करेगा।

यहां आगमन के तुरंत बाद उन्होंने गुरुवार को भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत की। विदेश मंत्री ने उनको भारत और लाओस के बीच द्विपक्षीय संपर्क, खासतौर से वाणिज्य व सांस्कृतिक क्षेत्र में योगदान देने की दिशा में कार्य करने की अपील की।

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