सुपर कंप्यूटर का नाम क्यों रखा गया ‘शिवाय’, कीमत भी करेगी हैरान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुपर कंप्यूटर ‘परम शिवाय’ का उद्घाटन आईआईटी, बीएचयू में किया. ये कंप्यूटर 833 teraflop कैपैसिटी के साथ 32.5 करोड़ की कीमत में बना है.

सुपर कंप्यूटर परम शिवाय को ‘नेशनल सुपर क्प्यूटिंग’ मिशन के तहत ‘बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी’ के ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ द्वारा बनाया गया है.

संस्थान के शताब्दी वर्ष के मौके पर पीएम ने पोस्टल स्टैंप और पोस्टल स्टैंप एल्बम भी रिलीज की गई. आईआईटी-बीएचयू के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा- ‘नेशनल सुपर क्प्यूटिंग’ भारत सरकार की ख़ास पहल है.

ये पहल सरकार के डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया को भी सपोर्ट करती है. यह दुनिया के सुपर-कंप्यूटिंग मानचित्र में भारत को सबसे आगे रखने में भी खास भूमिका निभाएगी.

जिस रिसर्च को करने में पहले महीनों लगते थे, अब इस सुपरकंप्यूटर से घंटो मिन्टों में पूरी करने में मदद मिलेगी. इस कंप्यूटर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (C-DAC) के तहत डेवलप किया गया है.

जिस रिसर्च को करने में पहले महीनों लगते थे, अब इस सुपरकंप्यूटर से घंटो मिन्टों में पूरी करने में मदद मिलेगी. इस कंप्यूटर को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (C-DAC) के तहत डेवलप किया गया है.

उदघाटन के मौके पर पीएम मोदी ने परम शिवाय के इस्तेमाल पर कहा, सुपर कंप्यूटर का सोफ्टवेयर बहुत से साइंटिफइक एरिया में डेवलप किया जाएया. सोफ्टवेयर बनाने के साथ-साथ ही मोडलिंग भी अप्लाई कर दी जाएगी.
मोडलिंग जिन एरिया में अप्लाई की जाएगी वो जलवायु मूल्यांकन, मौसम की भविष्यवाणी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग, भूकंपीय विश्लेषण, फाइनेंस, मैकरो-डाटा एनालेटिक्स और इन्फॉर्मेशन कलेक्शन होंगे.

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मोडलिंग जिन एरिया में अप्लाई की जाएगी वो जलवायु मूल्यांकन, मौसम की भविष्यवाणी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग, भूकंपीय विश्लेषण, फाइनेंस, मैकरो-डाटा एनालेटिक्स और इन्फॉर्मेशन कलेक्शन होंगे.

इस कंप्यूटर की 40 प्रतिशत कंप्यूटर पावर का उपयोग नवोदय विद्यालय के छात्र करेंगे. आपको बता दें कि भारत के पहले सुपरकंप्यूटर को परम 8000 कहा गया था, जो 1991 में लॉन्च हुआ था.

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