सातवें वेतनमान को लेकर चौथे दिन भी रेजिडेंट डॉक्टर्स और कर्मचारियों का विरोध जारी

REPORTER- LAV KUMAR

इटावा: उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्विद्यालय सैफई में सातवें वेतनमान के भत्ते के अनुमन्य लागू न होने के विरोध में आज चौथे दिन भी रेजिडेंट डॉक्टर्स पैरामेडिकल स्टाफ नर्सिंग स्टाफ अन्य कर्मचारियों ने आज काली पट्टी बांधकर विरोध किया।

 

यह कर्मचारी अन्य संस्थानों की भांति सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को तत्काल लागू कराये जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक कालेज प्रशासन की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है।

दरअसल,इसी 20 अगस्त को उत्तर प्रदेश शासन की कैबिनेट बैठक में केजीएमयू लखनऊ एवं डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के संकाय सदस्यों रेजिडेंट डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ,नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों को एसजीपीजीआई लखनऊ की भांति सातवें वेतन आयोग के समस्त भत्ते एक जुलाई 2017 से देने हेतु अनुमोदन दे दिया गया है।

जबकि उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के अधिनियम 2015 के अंतर्गत किया गया। जिसके अध्याय 9 धारा 48 में स्पष्ट उल्लेख है कि विश्वविद्यालय में कार्यरत समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की सेवा शर्तें योग्यताएं अनुभव वेतनमान एवं भत्ते आदि की सुविधाएं एसजीपीजीआई लखनऊ की भांति दी जाएं।

लेकिन उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के प्रति नकारात्मक रुख अपनाते हुए विश्वविद्यालय के कर्मियों को उक्त सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है।

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जिसके विरोध स्वरूप संस्थान में कार्यरत रेजिडेंट नर्सिंग पैरामेडिकल की तीनों यूनियनों ने संयुक्त रूप से ग्रुप से अपना विरोध प्रदर्शन चौथे दिन छुट्टी के दिन इमरजेंसी सेवाओं में तैनात कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में प्रवेश करते ही मुख्य गेट सातवें वेतन भत्ते को लेकर बैनर व पोस्टर लगाए गए।

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