सांसद नहीं रहे तो चली जाएगी पॉवर, इस डर की वजह से मॉफी मागेंगे आजम

लखनऊ। सपा पार्टी के कद्दावर नेता और अखिलेश यादव के करीबी नेता आजम खान पर उनकी ही पार्टी और परिवार की तरफ से माफी मांगने का दबाव बढ़ता जा रहा है। पक्ष-विपक्ष के चौतरफा विरोध के बाद आजम एकदम अकेले पड़ गए हैं। बदजुबानी के इतिहास और लोकसभा की पीठासीन अधिकारी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते उनके साथ सहानुभूति जताने को कोई भी तैयार नही हो रहा है।

उधर रामपुर में आजम पर जमीन कब्जाने के मामलों में हो रही एफआईआर की संख्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में सपा सुप्रीमो अखिलेश से लेकर आजम के परिवार वाले तक उन्हें माफी मांगकर मामले को खत्म करने की सलाह दे रहे हैं। आजम के परिवार वालों को इस बात का डर है कि अगर आजम अड़े रहे तो उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही की जा सकती है।

ऐसे में आजम की संसद सदस्यता तक जा सकती है। मौजूदा हालातों में ये कार्यवाही उन पर भारी पड़ सकती है। आजम खान के खिलाफ थानो और अदालतों में मिलाकर अब तक 54 मुकदमे हो चुके हैं। जबकि राजस्व परिषद में 14 मुकदमे दायर किए गए हैं। पिछले 12 से 20 जुलाई के बीच उन पर 26 मुकदमे एक ही थाने में दर्ज किए गए हैं। ये मुकदमे रामपुर के अजीम नगर थाने में दर्ज हुए हैं।

इसमें जमीन कब्जाने का एक मुकदमा जिला प्रशासन ने, जबकि 25 अन्य मुकदमे अलग अलग किसानो ने दर्ज कराए हैं। उन्हें प्रशासन की ओर से अधिकृत तौर पर भूमाफिया घोषित कर दिया गया है। उनका नाम एंटी भूमाफिया पोर्टल पर डाल दिया गया है। इस स्थिति में आजम खान के संसद सदस्यता खोने का सीधा असर उनकी गिरफ्तारी की संभावनाओं पर पड़ सकता है। वे इन अलग अलग मामलों में गिरफ्तार कर जेल भेजे जा सकते हैं।

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सांसद होने की सूरत में उन्हें राजनीतिक तौर पर ताकत मिलती है। यही वजह है कि आजम खान को समझदारी से काम करने की सलाह दी जा रही है। सोमवार को सदन शुरू होने पर गिरफ्तारी का यही डर उन्हें माफी मांगने पर मजबूर कर सकता है।

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